Published On : Mon, Apr 27th, 2020

लॉकडाउन में भी ग्राहकों को इन्सटॉलमेंट के लिए बैंको के फोन

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नागपूर– एक ओर देश में लॉकडाउन चल रहा है. कोरोना के चलते लोग पिछले एक महीने से ज्यादा समय से घर से काम कर रहे या तो फिर कई लोगों के काम छूट गए. उनपर परेशानिया आ गई है. जिन लोगों ने लोन लेकर रखे है.ऐसे समय में वे भी किश्त नहीं चूका पा रहे है.ऐसी स्थिति में आरबीआई ने टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट दी है .

सभी कमर्शियल, रीजनल, रूरल, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सभी तरह के टर्म लोन की ईएमआई वसूलने से रोक दिया गया है . बावजूद इसके इस महामारी और काम न होने , पैसे नहीं होने की मज़बूरी से बेखबर बैंक कर्मी इन्सटॉलमेंट के लिए अपने ग्राहकों को फोन करके परेशान कर रहे है. पंजाब नेशनल बैंक के नागपूर शहर की शाखाओ की ओर से ग्राहकों से इन्सटॉलमेंट मांगने की जानकारी खुद ग्राहकों ने ‘ नागपूर टुडे ‘ को दी है.

कुछ हफ्ते पहले आरबीआई ने भी दिशानिर्देश जारी किए है. इसके बावजूद बैंक कर्मी आखिर क्यों ग्राहकों को इस मुसीबत की घडी में इन्सटॉलमेंट के लिए परेशान कर रहे है. यह सवाल अब ग्राहकों के बीच है.

आरबीआई के अनुसार ग्राहक खुद चाहें तो भुगतान कर सकते हैं, बैंक दबाव नहीं डालेंगे .क्रेडिट कार्ड के बकाया भुगतान पर भी तीन महीने की छूट लागू होगी . इसके तहत अगले तीन महीने तक ऐसे किसी भी व्यक्ति के खाते से किश्त नहीं कटेगी, जिन्होंने कर्ज ले रखा है .इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर नहीं पड़ेगा .

तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा . तीन महीने की अवधि के बाद आपकी ईएमआई दोबारा शुरू हो जाएंगी . हालांकि, इसके ये मायने नहीं हैं कि बकाया कभी चुकाना ही नहीं होगा, मोहलत सिर्फ तीन महीने की है .बस तीन महीने टाल सकते हैं, बाद में पेमेंट करना होगा .यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल जाए .