प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी ‘जनधन योजना’ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जनधन योजना के तहत खुले करोड़ों अकाउंट्स में खुद बैंक कर्मचारी पैसा जमा करा रहे हैं. जबकि इसके लिए सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया है.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक कर्मचारी जीरो बैलेंस अकाउंट्स की संख्या कम करने के लिए जनधन योजना के तहत खुले खातों में एक-एक रुपये जमा करा रहे हैं.
जानिए इस खुलासे से जुड़ी अहम बातें…
1. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक,18 सरकारी बैंक और उनकी 16 क्षेत्रीय शाखाओं में ऐसे 1.05 करोड़ जनधन खाते हैं, जिनमें एक-एक रुपया जमा है.
2. कुछ खाते ऐसे भी हैं, जिनमें 2 से 5 या 10 रुपये भी जमा हुए हैं. ये पैसे खाताधारकों ने जमा नहीं किए.
3. 20 बैंकों के ब्रांच मैनेजरों ने स्वीकार किया कि उन पर जनधन योजना के तहत खुले जीरो बैलेंस खातों का आंकड़ा कम करने का दबाव है.
4. जीरो बैलेंस अकाउंट्स में तेजी से कमी आई है. सितंबर 2014 में ऐसे खातों की 76 फीसदी थे, जो अगस्त 2015 में सिर्फ 46 फीसदी रह गए. 31 अगस्त 2016 तक इस योजना के तहत खुले ऐसे खाते सिर्फ 24.35% थे, जिनमें एक भी रुपया नहीं था.
5. बैंक कर्मचारियों ने माना कि वे इन अकाउंट्स को एक्टिव रखने के लिए खुद पैसे जमा कराते हैं. इसके लिए एंटरटेनमेंट अलाउंस, कैंटीन सब्सिडी और ऑफिस के रखरखाव जैसे कामों के लिए मिलने वाली रकम भी इस्तेमाल की जाती है.
6. 10 बैंक अधिकारियों ने माना कि इन खातों को चालू रखने के लिए उन्होंने अपनी जेब से पैसे जमा कराए.
7. बहुत सारे खाताधारकों ने कहा कि उन्होंने जब अपनी पासबुक में देखा कि खाते में एक रुपया जमा है तो वो हैरान थे. उन्होंने पता ही नहीं कि एक रुपया उनके अकाउंट में किसने जमा कराया.
8. एक रुपये बैलेंस वाले खातों में सबसे आगे पंजाब नेशनल बैंक है. पीएनबी में 1.36 करोड़ जनधन खाते हैं, जिनमें से 39.57 का बैलेंस एक रुपया है.
9. 31 अगस्त, 2016 तक जनधन खातों में कुल 42094 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं.