नागपुर: महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों की ओर से भी पृथक विदर्भ की मांग को लेकर बर्डी के यूनिवर्सिटी से लेकर संविधान चौक तक महा रैली निकाली गई. जिसमें विदर्भ के सभी जिलों के कॉलेज और यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी शामिल रहे. बहुजन रिपब्लिकन विद्यार्थी मोर्चा के बैनर तले यह रैली निकाली गई. इस दौरान विदर्भ के विभिन्न मुद्दों पर बात की गई.
इस दौरान महारैली में शामिल बहुजन रिपब्लिकन विद्यार्थी मोर्चा के प्रभारी प्रमोद कानेकर ने बताया कि 1 अक्टूबर 1938 को विदर्भ का प्रस्ताव पारित किया गया था. 80 साल बाद भी पृथक विदर्भ की मांग पूरी नही हो सकी है. 20 साल पहले विदर्भ वैधानिक विकास महामंडल की निर्मिति के बाद भी विदर्भ का विकास नही हो पाया. बिजली, जंगल, खनिज संपदा, कोयला यह सभी सम्पदावों के होने के बावजूद भी विदर्भ की दयनीय अवस्था है. 4500 मेगावॉट बिजली का निर्माण विदर्भ में होता है. जबकि विदर्भ में केवल 2200 मेगावॉट का ही उपयोग होता है, बावजुद इसके ग्रामीण भाग में 6 से लेकर 18 घंटों तक लोडशेडिंग होती है.
उन्होंने बताया कि अनुशेष के कारण ही विदर्भ के विद्यार्थियों पर बेरोजगारी की नौबत आई है.मराठी स्कूल बंद की जा रहीं हैं. स्कॉलरशिप कम की जा रही है. स्वास्थ सेवा का निजीकरण किया जा रहा है. विदर्भ के गरीबों को और गरीब बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है. विद्यालयों और विद्यापीठों में भर्ती प्रक्रिया बंद की गई है. इन सभी मांगों को लेकर विद्यार्थियों ने पृथक विदर्भ की मांग की है.
इस दौरान इस रैली में बहुजन रिपब्लिकन विद्यार्थी मिर्च के विदर्भ संयोजक प्रा. संजय मगर, सहसंयोजक शीलवंत मेश्राम, नागपुर अध्यक्ष प्रफुल गजभिए, लाखनदूर के शाहरुख पठान , भंडारा के योगेश शेंडे, गोंदिया के देवेश शेंडे, गडचिरोली की वैशाली रामटेके, वर्धा के शुभम उरकुड़े, रवि सामुसकड़े, सौरभ गाणार, दीपाली महेसकर, रुपाली चवरे,सचिन रामटेके समेत सैकड़ो विद्यार्थी शामिल थे.