Published On : Mon, Sep 27th, 2021

बिजली कनेक्शन काटने गए महावितरण कर्मी पर हमला!

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-हालत गंभीर, रॉड से हमला किया था ग्राहक ने, भेंडे ले-आऊट की घटना

नागपुर: बिजली बिल वसूल करने गए महावितरण के एक कर्मचारी ने जब मीटर काटने की धमकी दी तो गुस्साए ग्राहक ने उस पर रॉड से हमला कर दिया। हमले में लगी चोटों के चलते उसकी हालत बहुत गंभीर हो गई और उसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल ले जाया गया। घटना रविवार दोपहर को इंद्रप्रस्थ नगर के भेंडे लेआउट में घटी। महावितरण के इस घायल कर्मचारी का नाम सीनियर टेक्नीशियन सुखदेव केराम है।

सुखदेव रविवार को महावितरण के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार बकाया बिजली ग्राहकों से बिजली बिल की वसूली के लिए जयताला क्षेत्र के अंतर्गत घूम रहा था। यहां के भेंडे लेआउट परिसर स्थित अमर बिल्डिंग के एक ग्राहक पर पिछले कुछ महीनों से 5,155 रुपए का बिल बकाया था। इस ग्राहक को अक्सर महावितरण कर्मचारियों द्वारा बकाया बिल का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता था। ग्राहक को बताया गया था कि यदि रविवार दोपहर तक उसने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया तो उसका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।

रविवार दोपहर को सुखदेव उसके घर पहुंचे और बकाया राशि का भुगतान करने को कहा। इस पर आरोपी ग्राहक नाराज हो गया और उसने सुखदेव केराम के सिर पर लोहे की रॉड से जोरदार हमला कर दिया। सुखदेव के सिर पर गंभीर चोटें आईं और काफी खून बहने लगा।

घटना के बाद परिसर में तनाव का माहौल
महावितरण कर्मचारी और ग्राहक एवं उसके परिजनों के बीच जारी विवाद को देखकर परिसर के नागरिक जमा हो गए। स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई। उपस्थित लोगों ने तुरंत घायल कर्मचारी को निकटवर्ती पडोले अस्पताल पहुंचाया।

इस बीच, घटना की जानकारी मिलते ही महावितरण के नाराज कर्मचारी इलाके में जमा हो गए। उन्होंने सोनेगांव पुलिस थाने से संपर्क किया और संबंधित ग्राहक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। घटना की गंभीरता को देखते हुए महावितरण अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

वसूली के लिए भेजे गए कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी?
इस घटना के बाद सवाल उठाया जा रहा है कि राज्य भर में 72,000 करोड़ रुपए तक के बकाया की वसूली के लिए भेजे जा रहे कर्मचारियों और अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स फेडरेशन की ओर से भी यह सवाल उठाया जा रहा है। साथ ही यह भी सुझाव दिए जा रहे हैं कि जो कर्मचारी बिजली बिल वसूली के लिए जा रहे हैं, वे ग्राहकों की आर्थिक और मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करें। यदि दोनों तरफ से कठोर रवैया अपनाया जाता है तो भविष्य में ऐसी घटनाएं और भी ज्यादा संख्या में होने की संभावना है।