Published On : Tue, Jan 22nd, 2019

विकास की चाहत में शहरवासियों की सेहत दांव पर

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विकास कार्यों, ख़राब सडकों और धुआँ छोड़ते वाहनों से बढ़ी समस्याएं

नागपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए ज़मीनी स्तर पर जो काम शुरू है वह राहगीरों और आस पास रहनेवालों की सेहत पर भारी पड़ रहा है.

प्रदूषण बढ़ा
शहर में विकासकार्य पिछले ४ वर्षों से शुरू है. इस विकास कार्यों से निसंदेह प्रदूषण में काफी इजाफा हुआ है. इस प्रदूषण से शहर के नागरिकों को सांस से सम्बंधित बीमारियों से खास कर बच्चे-बुजुर्ग और मरीज परेशान हैं. इसमें प्रदूषण फैलानेवाले वाहनों का भी समावेश है, जो कार्रवाई के आभाव में बेलगाम हो गए हैं.

जर्जर सड़कें
शहर में जहां जहां विकासकार्य शुरू है, वहां की सड़कें जर्जर हो गई हैं. ऐसी सड़कें स्वास्थ्य के साथ वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा रही हैं. जर्जर सड़कों से पेट से जुडी(दस्त,उल्टी,अनपच आदि) और कमर से जुडी बीमारियां(जॉइंट पेन,हड्डियों रीड की हड्डियों में दर्द आदि ) की शिकायतें बढ़ने लगी है. वहीं दूसरी ओर गाड़ियों के कलपुर्जे भी जवाब देने लगे हैं और ईंधन की खपत बढ़ गई है.

सीमेंट सड़क से बढ़ेंगी गर्मी
पीछे कुछ वर्षों से सत्ता किसी की भी हो सीमेंट सड़क निर्माण को तरजीह दी जा रही है. शहर में सीमेंट सड़क के निर्माता भी नहीं के बराबर थे. इसके बावजूद शहर के सीमेंट सड़कों का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है.

लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जितनी भी सड़कें निर्मित हुई हैं इनमें एक भी सड़क दर्जेदार नहीं होने के आरोप लग रहे हैं. डामर की सड़कों के मुकाबले सीमेंट की सड़कों से शहर का तापमान बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, जिसका असर घूम फिर कर नागरिकों की सेहत पर ही पड़ने का डर बढ़ गया है.