Published On : Mon, Aug 13th, 2018

गाँधी विचार पर ली गई परीक्षा में अंडरवल्ड डॉन अरुण गवली ने किया टॉप

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नागपुर – अंडरवल्ड डॉन अरुण गवली एक बार फिर चर्चा में है लेकिन इस बार यह चर्चा किसी अपराध को लेकर नहीं बल्कि पढाई को लेकर है। नागपुर सेंट्रल जेल में अपने पिछले गुनाहों की सजा कांट रहे अरुण गवली ने बीते दिनों जेल में परीक्षा दी। सिर्फ परीक्षा ही नहीं दी बल्कि इसमें टॉप भी किया। परीक्षा का विषय था महात्मा गाँधी के आदर्शो की अवधारणा इस विषय पर 80 नंबर के पेपर में बाकायदा 74 नंबर लेकर गवली ने टॉप किया। सहयोग ट्रस्ट और सर्वोदय आश्रम द्वारा हर वर्ष 1 अक्टूबर को गाँधी जयंती के अवसर पर इस परीक्षा का आयोजन कराया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जेल में बंद लगभग 160 कैदियों ने इस परीक्षा में भाग लिया जिसमे से अंडरवल्ड डॉन अरुण गवली ने टॉप किया। परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद जेल के भीतर ही गवली को परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्थाओ द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।

इस परीक्षा का आयोजन करने वाले रविंद्र भुसारी ने बताया की सहयोग ट्रस्ट और सर्वोदय आश्रम द्वारा हर वर्ष इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। जेल में बंद कैदी जो इस परीक्षा में भाग लेने के इच्छुक होते है उनके नाम पहले ही संस्था के पास आ जाते है। जिसके बाद विषय से जुड़े अभ्यासक्रम की पुस्तकें जेल प्रशासन को सौंपी जाती है। संस्था के पास पहले जो नाम आये थे उसमे अरुण गवली का नाम नहीं था। उसने ऐन वक्त पर परीक्षा में भाग लिया था। भुसारी के मुताबिक गाँधी के विचार समाज में हिंसा की प्रवृत्ति को रोकने का सबसे आसान जरिया है। इन विचारों के माध्यम में मन को प्रभावी रूप से परिवर्तित किया जा सकता है। उनका खुद का अनुभव कहता है की इस परीक्षा को देने के बाद कई लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव आया है। नागपुर शहर में वैश्यावृत्ति के लिए प्रसिद्ध गंगा-जमुना बस्ती में नियमित तौर पर गाँधी विचारों पर आधारित परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा की वजह से 50 महिलाओं को नशामुक्त जीवन देने में कामियाबी मिली। इस काम के लिए भुसारी को वर्ष 2016 में राज्य सरकार के व्यसन मुक्ति सेवा पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। भुसारी जेल में परीक्षा के आयोजन में जेल प्रशासन की भूमिका को भी अहम मानते है।

डैडी के नाम से प्रसिद्ध अरुण गवली पर कई संगीन आरोप है। शिवसेना विधायक कमलकर जमशेदेकर की वर्ष 2012 में हुई हत्या के मामले में गवली फ़िलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सज़ा भुगत रहा है। मुंबई में गवली का प्रभाव किस हद तक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की उसके जीवन पर हिंदी में फिल्म डैडी और मराठी भाषा में दगडी चाल बन चुकी है।