नागपुर: विजयादशमी उत्सव के दौरान आरएसएस द्वारा की जाने वाली शस्त्र पूजा के विरोध में उठ रही आवाजों के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने इस परंपरा को समर्थन दिया है। बुधवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहाँ कि संघ द्वारा शस्त्रों का पूजन धार्मिक मान्यताओं का अंग है। उस पर किसी तरह का सवाल नहीं उठाना चाहिए। हर धर्म की अपनी परंपरा होती है जिसका निर्वहन होना चाहिए। पूजा अर्चना पर टिपण्णी कर किसी की धार्मिक आस्था का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। हिंदू धर्म में शस्त्र पूजन की परंपरा रही है। शस्त्रों का पूजन किये जाने में कोई बुराई नहीं है बस उनका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
आठवले ने संघ की शस्त्र पूजा पर सवाल उठाने वालों को ऐसा नहीं करने की सलाह भी दी। आठवले चौथे अंतरास्ट्रीय बुद्धिस्ट परिषद का उद्घाटन करने नागपुर पहुँचे थे इस दौरान उन्होंने रवि भवन में पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने आगामी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहाँ कि तीन राज्यों में बीजेपी का जीतना तय है। इस आकंड़े में एक राज्य का इज़ाफ़ा हो इसके लिए उनकी पार्टी पूरा समर्थन देगी। इन दिनों राज्य में भारिप बहुजन महासंघ के डॉ प्रकाश आंबेडकर और असुद्दीन ओवैसी की पार्टी के गठबंधन की चर्चा है। कहाँ जा रहा है कि इससे बीजेपी को नुकसान होगा लेकिन आठवले के मुताबिक इस गठबंधन फायदा बीजेपी को जबकि नुकसान कांग्रेस को ही होगा। केंद्रीय राज्य मंत्री ने विशेष प्रावधान कर मराठा और धनगर समाज को आरक्षण देने की माँग भी उठाई।
रफाल का मुद्दा बेकार
राफेल विमान सौदे को लेकर हो रहे विवाद को रामदास आठवले बेवजह करार दिया है। उनके मुताबिक इस सौदे में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। अब तक प्रधानमंत्री ने जो भी काम किया है वो पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ किया है। इस मुद्दे को बढ़ाने से कांग्रेस को कुछ भी हासिल नहीं होगा।
अकबर पर लगे आरोपों की पहले हो जाँच
मी टू कैंपेन के तहत विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस पर आठवले का कहना है कि उन पर लगे सभी आरोप सही नहीं है पहले इस मामले की जाँच हो उसके बाद उन पर आरोप तय किया जाना चाहिए।
