Published On : Tue, May 24th, 2022

नागपुर की प्यास बुझाने के लिए मंजूर परियोजना रद्द ?

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– महाविकास आघाडी सरकार मंजूर वर्ष निहाय खर्च राशि देने में कर रही आनाकानी

नागपुर- मध्य प्रदेश में चौराई बांध बनने के बाद शहर में पानी कम हो गया. भविष्य में शहर बढ़ेगा इसी उद्देश्य से पिछली फडणवीस सरकार ने मध्य प्रदेश के लोहघोगरी गांव से तोतलाडोह तक एक सुरंग के माध्यम से पानी लाने के लिए 2,800 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी। टेंडर तक प्रक्रिया पूरी लेकिन अब जब इस परियोजना को रद्द कर दिया गया है,तो राज्य सरकार के इस कदम से यह संभावना बढ़ गई है कि भविष्य में शहर को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

शहर की सीमाएँ के साथ जनसंख्या भी बढ़ रही हैं। इसलिए 2025 तक संभावित जनसंख्या में वृद्धि को देखते हुए पेयजल की मांग 250 से 300 गैलन तक बढ़ जाएगी। इसके अलावा नियमित बारिश न होने से नागपुर वासियों की जल समस्या बढ़ती जा रही है।
चौराई का निर्माण वर्ष 2016-17 में मध्य प्रदेश में हुआ था। इसके बाद से ही शहर में पीने के पानी की भारी किल्लत हो गई है. भविष्य में जल संकट से बचने के लिए तत्कालीन पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मध्य प्रदेश के लोहघोगरी गांव के माध्यम से कन्हान नदी से 10 टीएमसी पानी को तोतलाडोह जलाशय में लाने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी थी।

इस परियोजना के लिए 2,864 करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए थे। वह अगले पांच वर्षों में परियोजना को पूरा करने के लिए वक़्त तय किया गया था। लेकिन फिर राज्य में सरकार बदल गई। महाविकास अघाड़ी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस परियोजना को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया था। इस परियोजना की प्रक्रिया निविदा तक पहुंच गई। वर्तमान राज्य सरकार की ओर से इस प्रकल्प के लिए मंजूर निधि देने में आनाकानी करने के कारण परियोजना ठप हो गई है।

उल्लेखनीय यह है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के लोहघोगरी गांव के पास डायवर्जन बांध बनाने और सुरंग के जरिए कन्हान नदी के पानी को तोतलाडोह बांध की ओर मोड़ने का प्रस्ताव है. तटबंध की लंबाई 160 मीटर, तटबंध की ऊंचाई 5.5 मीटर और सुरंग की लंबाई 62 किमी होगी। सुरंग का व्यास 6.9 मीटर और 12.26 हेक्टेयर वन भूमि होगी।

वर्ष निहाय प्रस्तावित खर्च :
2019-20 – 585 करोड़
2020-21 – 575 करोड़
2021-22 – 574 करोड़
2022-23 – 574 करोड़
2023-24 – 554 करोड़