अकोला। वर्धा जिले में शराबबंदी लागू है. उसी तर्ज पर अकोला जिले में भी शराबबंदी लागू कर जिले को नशामुक्त किया जाए इस मांग को लेकर जिले के राजनेता, समाजसेवक, सामाजिक कार्यकर्ता, शैक्षिक व सामाजिक क्षेत्र के मान्यवरों में सक्रियता बढी हैं. इसी कडी में आज जिलाधिकारी कार्याल के सामने कांगे्रस के पूर्व उपमहापौर निखिलेश दिवेकर की अगुवाई में धरना दिया गया. जबकि जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सर्वदलीय कार्यकर्ताओं तथा एनसीसी के छात्रों ने दारू बंदी को लेकर नारेबाजी की.
आज निखिलेश दिवेकर की अगुवाई में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने कांग्रेस -राकां पदाधिकारियों की ओर से धरना दिया गया. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने चंद्रपुर जिले में शराबबंदी का ऐलान किया है. फिलहाल वर्धा, चंद्रपूर व गडचिरोली इन तीन जिलों में शराबबंदी करने की मांग कांग्रेस की ओर से की गई है. शराब पीने से होने वाली बीमारियां, काम में अनुपस्थित रहने, दुर्घटनाओं में वृद्धि समेत कई विकार पैदा होते है. जिसके कारण विश्व में 33 लाख लोग अकाल मौत के शिकार बनते हैं. 16 से 50 आयु वर्ग के पुरूषों में मौत का बडा कारण शराब है. इसलिए सरकार को शराब से 213 अरब की आय मिलने के बावजूद उससे 240 अरब का नुकसान हो रहा है. जिसे देखते हुए अकोला जिले में शराबबंदी करने की मांग को लेकर धरना दिया गया. जिसमें श्याम अवस्थी, अजय तापडिया, निखिलेश दिवेकर, पापा पवार, रमेश खंडेलवाल, प्रा. राजाभाऊ देशमुख, डा. स्वाती देशमुख, डा. मनोहर दांदले, सुनील मेश्राम, तश्वर पटेल, पराग कांबले, दीपक शुक्ला, सुनील परदेसी समेत मान्यवर शामिल हुए.