Published On : Mon, May 14th, 2018

मनपा द्वारा बंद की गई 34 स्कूलों को फिर शुरू किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री से अपील

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Devendra Fadnavis

नागपुर: बीते दिनों तय संख्या में विद्यार्थी न मिलने की वजह से नागपुर महानगर पालिका ने 34 मराठी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया। फ़ैसले पर सफ़ाई देते हुए मनपा द्वारा दलील दी गई की राज्य की मातृ भाषा में शिक्षा लेने के लिए स्कूलों को विद्यार्थी ही नहीं मिल रहे है इसलिए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। नागपुर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अपना शहर है वो उस सरकार के मुखिया है जो मराठी भाषा के संरक्षण का दम भरने से नहीं थकती। शहर में कुल 81 ऐसी स्कुल है जहाँ शिक्षा मराठी भाषा में होती है बीते कुछ वर्षो में मनपा की स्कूलों में लगभग 4 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों की संख्या में कमी आयी है।

नागपुर महानगर पालिका के स्कूलों को बंद करने के फ़ैसले का उन संस्थाओं ने विरोध दर्ज कराया है जो राज्य की अपनी भाषा के प्रचार-प्रसार और संवर्धन का कार्य विगत कई वर्षो से कराती आ रही है। अखिल भारतीय साहित्य महामंडल के अध्यक्ष श्रीपाद भालचंद्र जोशी ने इन स्कूलों को बचाने की अपील की है। ये अपील उनके द्वारा सीधे मुख्यमंत्री से की गई है। जोशी के अनुसार भाषा के संरक्षण के लिए स्कूली शिक्षा में मराठी भाषा में अनिवार्य शिक्षा दिया जाना आवश्यक है। तभी भाषा का महत्त्व बरक़रार रहेगा। किसी भी स्थिति में ये कार्य होना चाहिए अगर जरुरत हो तो इस विषय पर अध्ययन के लिए आयोग का गठन किया जाए।

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सरकार ने हाल की में सरकारी कामकाज मराठी भाषा में किया जाना अनिवार्य किया है। अपने राज्य में अपनी भाषा का प्रयास किया जाना सराहनीय कदम भी लेकिन उतना ही दुःख इस बात का है की मुख्यमंत्री के अपने शहर में उनके ही दल की सत्ता वाली मनपा के अंतर्गत संचालित स्कूलों की दुर्दशा सामने आ रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री का सामने आकर अपनी तरह से पहल करना बेहद जरुरी है जिससे की राज्य में ये संदेश जाये की कितनी भी विपरीत परिस्थिति में मराठी भाषा के को बचाने के लिए किसी भी प्रकार के प्रयास में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।

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