Published On : Sat, Oct 14th, 2017

बेटे के लोन के सवाल पर अमित शाह का ग़लत जवाब

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नई दिल्ली:
भाजपा अध्यक्ष ने अपने बेटे जय अमित शाह के कारोबार से जुड़े विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनके बेटे पर किसी ने भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया है. शुक्रवार को इंडिया टुडे समूह के एक कार्यक्रम में इस विवाद पर पहली बार बोलते हुए कहा कि द वायर की रिपोर्ट पर पोर्टल पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाना दिखाता है कि जय अमित शाह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.

13 अक्टूबर को अहमदाबाद में इंडिया टुडे समूह के कार्यक्रम ‘पंचायत गुजरात’ में पत्रकार राहुल कंवल से बात करते हुए अमित शाह ने इस विवाद से जुड़े एक सवाल के जवाब में जय शाह की एक कंपनी टेंपल एंटरप्राइज़ प्राइवेट लिमिटेड के राजस्व में हुई बढ़ोत्तरी का बचाव करते हुए कहा कि टेंपल एंटरप्राइज़ एक कमोडिटी बिज़नेस करने वाली कंपनी है, जहां टर्नओवर ज़्यादा होता है लेकिन मुनाफा कम.

उन्होंने यह भी बताया कि 80 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने के बावजूद उनके बेटे की इस कंपनी को डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. इस नुकसान के बारे में द वायर की रिपोर्ट में बताया गया था, लेकिन शाह का दावा था कि ऐसा नहीं किया गया.

इसके बाद अमित शाह से सवाल किया गया कि अगर जय अमित शाह के बेटे न होकर कोई आम व्यक्ति होते, तब क्या ऐसी एक छोटी कंपनी को उसी तरह का ‘असुरक्षित क़र्ज़’ (Unsecured Loan) और लेटर ऑफ क्रेडिट मिल सकते थे? इस पर अमित शाह साफ इनकार कर देते हैं कि ऐसा कोई लोन लिया भी गया है.

वे कहते हैं, ‘पहले आप समझ लीजिये कि लेटर ऑफ क्रेडिट मिला है, लोन नहीं मिला है.’ इसके बाद वे समझाने लगे कि कैसे ये लेटर ऑफ क्रेडिट दिए गये कैश मार्जिन और खरीदे गए सामान के हिसाब से सुरक्षित (सिक्योर्ड) था.

लेटर ऑफ क्रेडिट और लोन को लेकर दिया गया यह स्पष्टीकरण जय शाह की एक और कंपनी कुसुम फिनसर्व से जुड़ा था, जिसे कालूपुर कॉमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक से 25 करोड़ रुपये का क़र्ज़ मिला था. हालांकि अमित शाह का उनके बेटे की कंपनी के किसी भी तरह के असुरक्षित क़र्ज़ या उधार न लेने की बात उनके बेटे द्वारा रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज़ में दाखिल फाइलिंग्स और उनकी कंपनी टेंपल एंटरप्राइज़ प्राइवेट लिमिटेड के बाकी आधिकारिक दस्तावेजों के बिलकुल उलट है.

रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज़ में टेंपल एंटरप्राइज़ द्वारा दिए गए फाइनेंशियल स्टेटमेंट का वह हिस्सा, जहां केआईएफएस से लिए गए असुरक्षित कर्ज़ के बारे में बताया गया है

पिछले हफ्ते द वायर को जवाब देते हुए जय शाह के वकील ने कहा था, ‘नए करोबार/कंपनी को कामकाजी पूंजी उपलब्ध नहीं थी, इसलिए व्यापार को चलाने के लिए समय-समय पर केआईएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, जो कि एक रजिस्टर्ड गैर बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है, से ब्याज वाले इंटर कॉरपोरेट डिपॉजिट्स (आईसीडी) लिए गए थे.’ इसका ज़िक्र द वायर द्वारा 8 अक्टूबर को प्रकाशित रिपोर्ट में भी शामिल किया गया था.

हालांकि अमित शाह का उनके बेटे का केआईएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड से 15.78 करोड़ रुपये का असुरक्षित क़र्ज़ लेने की बात न स्वीकारना बताता है कि उनसे पूछे गए सवाल का जवाब अब तक नहीं मिला है; कैसे एक छोटी-सी कंपनी, जिसके पास बीते साल यानी 2015-16 में दिखाने को कुछ ख़ास ट्रैक रिकॉर्ड नहीं था, अचानक उसे कैसे असुरक्षित कर्ज़ या उधार मिल सकते हैं?

ज्ञात हो कि इस ऋणदाता कंपनी केआईएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमोटर राजेश खंडवाला हैं, जो रिलायंस समूह के परिमल नाथवानी के समधी हैं. केआईएफएस, एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है जिसके काम पर कुछ साल पहले सेबी ने सवाल उठाए थे.

—As Published in thewirehindi.com