Published On : Wed, Feb 14th, 2018

युति गठबंधन बरक़रार रखने के लिए भाजपा प्रयासरत

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नागपुर: शिवसेना के साथ हुए राजनितिक दुर्व्यवहार से नाराज होकर सेना सुप्रिमों ने पिछले दिनों सार्वजानिक तौर पर ऐलान किया था कि आगामी चुनावों में शिवसेना स्वतंत्र चुनाव लड़ेगी। इसके पहले सेना ने 4 वर्ष में कई बार गठबंधन तोड़ने की धमकी दे चुकी है, तब भाजपा ने सेना की धमकी को हलके में लिया लेकिन अब सेना का स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा से भाजप परेशान होती नजर आ रही है. उन्हें मनाने के हर संभव प्रयास शुरू कर दी. प्रयासों को सफलता मिलने के आसार शुरू हो चुके हैं, इस हिसाब से वर्ष 2019 में होने वाली लोकसभा फिर राज्यसभा चुनाव साथ लड़ सकती है.
भाजपा के स्थानीय सूत्रों के अनुसार वर्ष 2019 में होने वाली विधानसभा चुनाव में भाजपा-सेना गठबंधन कायम रख चुनावी जंग में कूदे, इसलिए प्रयास शुरू हो चुकी हैं. दोनों पक्षों के नेताओं के मध्य गठबंधन कायम रखने पर चर्चा में यह भी शंका जताया गया कि अगर आगामी चुनावों में अलग-अलग उतरे तो कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्ता से महरूम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। युति गठबंधन साथ में चुनावी जंग का सामना किया तो 288 में से 175 सीटों पर आसानी से जीत हासिल कर सकती है.

दूसरी ओर सेना ने उक्त चर्चा के तहत हुए दावे को ख़ारिज कर दिया। सेना के सूत्रों के अनुसार सेना सुप्रिमों की घोषणा से भाजपा नेतृत्व चिंतित है. भाजपा सुप्रिमों ने गत शुक्रवार को सेना सुप्रिमों के करीबी सांसद दिल्ली में चर्चा की. इस चर्चा में भाजपा की ओर से किसी भी परिस्थिति में आगामी चुनावों में साथ में कूदने पर बल दिया गया. भाजपा ने सेना को आभास करवाया कि लोकसभा जैसी चुनाव अलग-अलग लड़े तो सेना को 6-7 से ज्यादा सीटें नहीं मिल पाएगी।

याद रहे कि जगजाहिर है कि शिवसेना के लिए लोकसभा से ज्यादा राज्य विधानसभा चुनाव महत्वपूर्ण है. इसलिए भाजपा ने लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने के शर्त पर सेना को विधानसभा चुनाव में 140 सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने का ऑफर दिया है. राज्य में कांग्रेस व एनसीपी एकसाथ आगामी चुनावी जंग में कूदने संकेत दिया है. अब शिवसेना के पाले में गेंद है.

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उल्लेखनीय यह है कि राज्य में सेना व भाजपा की कटुता को ख़त्म करने के लिए भाजपाई मुख्यमंत्री ने राज्य के 5000 ग्राम पंचायतों की इमारत निर्माण का प्रस्ताव पारित किया है. इस योजना को शिवसेना के संस्थापक सुप्रिमो बालासाहेब ठाकरे का नाम दिया गया है. इसके साथ ही दादर में शिवसेना प्रमुख का स्मारक निर्माण का प्रस्ताव तत्काल तैयार करने का निर्देश दिया है.

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