नागपुर: महाराष्ट्र सिंचाई घोटाला मामले में महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री एनसीपी नेता अजित पवार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) ने हलफनामा दायर किया है.
एसीबी ने अपने हलफनामें में जानकारी दी है कि जांच के दौरान गोशिखुर्द और जिगांव प्रोजेक्ट में कॉन्ट्रैक्ट देने की प्रक्रिया में कई अनियामिताएं बरती गई हैं. अनियमितताओं के लिए हलफनामे में अनियमितताओं के लिए अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया गया है.
अजित पवार उस समय महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री और वीआईडीसी के अध्यक्ष थे. एसीबी ने हलफनामे में जानकारी दी है कि कॉन्ट्रैक्ट देने की प्रक्रिया में पदों का दुरुपयोग किया गया है.
गौरतलब है कि 17 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एसीबी को सिंचाई घोटाले में अजित पवार की भूमिका पर जवाब दायर करने के आदेश दिए थे. इसी आदेश पर एसीबी डीजी संजय बर्वे ने हाई कोर्ट में यह हलफनामा दायर किया.