नागपुर: देश के प्रधानमंत्री मोदी की संकल्पना स्वच्छ भारत अभियान और राज्य सरकार के स्वच्छ राज्य अभियान के तहत नागपुर मनपा को अभियान सफल बनाने हेतु निधि के साथ निर्देश मिले. मनपा के जिम्मेदार आला अधिकारियों की लापरवाही के कारण मंगलवारी ज़ोन उक्त अभियान को तिलांजलि देते हुए मिली निधि के दुरुपयोग की हदें पार कर दी हैं. पहले सार्वजानिक शौचालय का निर्माण किया फिर उसे ढंकने के नाम पर लाखों का चूना लगाया जा रहा.
याद रहे कि प्रभाग क्रमांक ११ अंतर्गत कोराड़ी रोड से लगी सबसे चर्चित बस्ती शिवकृष्ण धाम के नाम से जानी जाती है. यह बस्ती कई लेआउट धारकों के दर्जनभर एकड़ जगह पर अतिक्रमण कर वर्ष २००९ से बसाना शुरू किया गया था. इस अवैध बस्ती को तत्कालीन पालकमंत्री, नासुप्र के आला अधिकारियों और मनपा के जलप्रदाय अधिकारियों ने संरक्षण देकर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई थीं.
इस अवैध बस्ती के अमूमन सभी घरों में शौचालय होने के बावजूद मंगलवारी ज़ोन प्रमुख और ज़ोन के कार्यकारी अभियंता के निर्देश पर ज़ोन के लोककर्म विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त निधि से २ सार्वजानिक शौचालय का निर्माण किया. इन शौचालयों में भरपूर पानी मिले इसलिए ठोस व्यवस्था भी की. पानी के नल और टंकी, शौचालय तक आवाजाही के लिए मार्ग और २४ घंटे बिजली की व्यवस्था की. स्थानीय सैकड़ों जरूरतमंद नागरिक शौचालय के इस्तेमाल के बजाय वहीं के नल से घरेलू उपयोग के लिए पानी ढो रहे हैं. क्यूंकि बस्ती अवैध है, निजी लेआउट धारकों की जमीन पर कब्ज़ा कर उस पर अपने मन मुताबिक घर बनाकर रह रहे हैं. इस बस्ती में मनपा ने इस बस्ती को स्लम सूची में डालकर वैध नल कनेक्शन दे रखी है, जबकि वैध नल कनेक्शन के लिए अनगिनत पापड़ बेलने पड़ते हैं. खर्च भी हज़ारों में हो जाते हैं. इस बस्ती में ६०० से अधिक घर/मकान/झोपड़े हैं.
माह भर बाद इसमें से एक सार्वजानिक शौचालय को सामने की ओर से चारदीवारी उठानी शुरू की. इस सम्बन्ध में मंगलवारी ज़ोन के लोककर्म और स्वास्थ्य विभाग से पूछताछ करने पर उन्होंने जानकारी देने में असमर्थता दर्शाई और यह जानकारी दी कि उक्त निर्माणकार्य जोन के वार्ड अधिकारी और कार्यकारी अभियंता के दिशा निर्देश पर हो रहा है.
स्थानीय नागरिकों ने मनपा के नए आयुक्त से मांग की है कि उक्त मामले की सूक्ष्म जाँच कर दोषी अधिकारी से खर्च वसूली सह निलंबित किया जाए. साथ ही जोन के इर्द-गिर्द अवैध निर्माणकार्य के संरक्षकों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए. उक्त जागरुक नागरिक उक्त मामले की शिकायत स्वच्छ भारत मिशन को भी लिखित रूप से करने जा रहे हैं.