Published On : Mon, Aug 20th, 2018

टेकड़ी फ्लाईओवर तोड़ने के निर्णय पर मुहर लगने के बाद भी प्रशासन चुप्पी तोड़ने नहीं तैयार

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Tekdi Flyover

नागपुर: मेट्रो रेल प्रकल्प के लिए आवश्यक कुछ जमीनों को हस्तांतरित करने के साथ ही टेकड़ी फ्लाईओवर को तोड़ने के प्रस्ताव पर मनपा की सभा में निर्णय हुआ था. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से इस संदर्भ में कई बार संकेत दिए गए. बावजूद इसके अधिकारियों की मनमानी के चलते अब तक इसे तोड़ने की प्रक्रिया तेज न करते हुए इसे ठंडे बस्ते में रखा गया है. जबकि इससे यातायात में हो रही परेशानी बदस्तूर जारी है. विशेषत: टेकड़ी फ्लाईओवर के पास स्थित शहीद मैदान फ्लाईओवर से बाधित हो रही हिन्दी शाला को स्थांतरित करने के लिए वरिष्ठ पार्षद प्रफुल्ल गुड्धे और पूर्व महापौर प्रवीण दटके की ओर से दिए गए सुझावों को स्वीकार करने के बाद तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होनी था. किंतु आश्चर्य है कि 2 माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. जबकि मेट्रो रेल विभाग को लगभग 70424 वर्ग मीटर की जमीन के हस्तांतरण को हरी झंडी भी दी गई है.

मनपा और मेट्रो में समन्यव नहीं
सूत्रों के अनुसार भले ही महानगर पालिका की ओर से मेट्रो को जमीन देने के संदर्भ में तत्वत: निर्णय लिया गया हो, लेकिन वास्तविक रूप में मेट्रो रेल विभाग को जमीन का हस्तांतरण नहीं किए जाने के कारण मामला अटका हुआ है. मनपा और मेट्रो के अधिकारियों में समन्वय के अभाव के चलते ही टेकड़ी फ्लाईओवर को तोड़ने के बाद इस मार्ग पर प्रस्तावित विकास कार्य भी आगे नहीं बढ़ पा रहा है. बताया जाता है कि प्रक्रिया के अनुसार मनपा की ओर से सर्वप्रथम टेकड़ी फ्लाईओवर को तोड़ा जाएगा. जिसके बाद मेट्रो को जमीन हस्तांतरण कर विकास के अधिकार दिए जाने हैं.

बाजार विभाग की कछुआ चाल
बताया जाता है कि मेट्रो रेल कार्पोरेशन को मनपा के हिस्से में प्रकल्प का 5 प्रतिशत निधि देना है. जिसके के लिए कुछ निधि और कुछ जमीन मेट्रो को दी जा रही है. लेकिन जो मॉल आदि मेट्रो की ओर से तैयार किया जाएगा. उसमें 50 प्रतिशत का लाभ मनपा को मिलने जा रहा है. मनपा की सभा में रखे गए प्रस्ताव में बताया गया कि टेकड़ी फ्लाईओवर में बाजार विभाग की ओर से 1109 लाइसेंस धारकों को कमरे आवंटित किए गए थे. जिसमें से लगभग 135 व्यवसाय कर रहे हैं. इन धारकों की पात्रता के संदर्भ में सुनिश्चितता करने के बाद उनका पुनर्वसन व्यापार संकुल में किया जाएगा. इस बाजार संकुल का निर्माण मेट्रो रेल कार्पोरेशन की ओर से किया जाएगा. यहां तक कि प्रस्तावित निर्माण से होनेवाली आय के हिस्से में से 50 प्रतिशत हिस्सा मनपा को प्राप्त होगा. सूत्रों के अनुसार फ्लाईओवर में व्यापार कर रहे व्यवसायियों के संदर्भ में बाजार विभाग को पात्रता की प्रक्रिया पूरी करनी है, लेकिन विभाग की कछुआ चाल के चलते मामला अटका हुआ है.