नागपुर: राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के नाम से पहचाने जानेवाले नागपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इन दिनों टीसी (ट्रांस्फर सर्टिफ़िकेट) में जाति और धर्म के उल्लेख की शर्तों को लेकर परेशान हैं. इस नियम का सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वोत्तर राज्य से नागपुर विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने आए विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है. लेकिन विश्वविद्यालय सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन किए जाने का हवाला देकर लाचारी जता रहा है.
दरअसल स्नात्कोत्तर शिक्षा विभाग के साथ ही विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों में प्रवेश लेनेवाले विद्यार्थियों को पंजीयन प्रक्रिया के तहत धर्म एवं जाति का उल्लेख करना अनिवार्य किया गया है. ऐसे में इस नियम से उन विद्यार्थियों को ऐतराज है जो जाति और धर्म को नहीं मानते. जिससे ऐसे विद्यार्थियों के ”ऑनलाइन ” आवेदन स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं. जिसके कारण उनके रजिस्ट्रेशन में परेशानी आ रही है.
नागपुर विश्वविद्यालय के इस निर्णय के कारण नागपुर के साथ ही दूसरे राज्यों से आए अनेक विद्यार्थियों के एडमिशन नहीं हो पाए हैं. कुछ विद्यार्थियों ने प्राथमिक शिक्षा के समय से ही धर्म और जाति का उल्लेख नहीं किया था. तो कुछ विद्यार्थियों के ‘टीसी’ पर धर्म और जाति का उल्लेख नहीं था. लेकिन नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में जाति व धर्म का उल्लेख करना अनिवार्य किए जाने से विद्यार्थी परेशान हैं. इस बारे में कुछ विद्यार्थियों के अभिभावकों ने नागपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से शिकायत भी की थी, लेकिन अधिकारियों ने अभिभावकों को राज्य सरकार के निर्देश होने की जानकारी दी.
इस बारे में परीक्षा व मूल्यमापन मंडल के संचालक डॉ. नीरज खटी ने बताया कि यह राज्य सरकार का निर्णय है. जिसका पालन नागपुर विश्वविद्यालय कर रहा है. उन्होंने बताया कि सैकड़ों विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप और राज्य सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. बावजूद इसके उन्हें भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेश के कारण शैक्षणिक कागजात के साथ आधार कार्ड जोड़ना अनिवार्य किया गया है.