एसीबी नागपुर ने की कार्रवाई
नागपुर। एक नई मेडिकल स्टोर खोलने के लिए परमिट जारी करने के एवज में सहायक आयुक्त ने 3000 तथा लिपिक द्वारा 1000 रुपये की रिश्वत लेने पर नागपुर की एसीबी ने रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद औषधि प्रशासन विभाग में सोमवार से हड़कम्प मचा हुआ है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, फरियादी ने नई मेडिकल स्टोर खोलने के लिए औषधि प्रशासन विभाग, नागपुर को आवश्यक परमिट के लिए आवेदन दिया था. उक्त परमिट कार्यालय से मंजूर हो गया था. परमिट लेने के लिए फरियादी औषधि प्रशासन विभाग, नागपुर में गया था. उक्त परमिट के लिए सहायक आयुक्त ने 5000 रुपये तथा लिपिक लक्ष्मण खड़से ने 1000 रुपये की रिश्वत माँगी. 3 हजार में सौदा तय कर रिश्वत की रकम देने से पूर्व फरियादी ने नागपुर की एसीबी में अपनी शिकायत दर्ज करवा दी. उक्त शिकायत के आधार पर एसीबी की टीम ने 15 दिसम्बर को पकडऩे जाल बिछा कर रखी. सहायक आयुक्त (औ.) ज्ञानदेव लक्ष्मण कुरकुटे ने 3000 रुपये ले लिए फिर लिपिक अजय लक्ष्मण खड़से द्वारा 1000 रुपये लेते वक्त एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया. दोनों को खिलाफ सदर थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है.
उक्त कार्यवाही पुलिस निरीक्षक आसाराम शेटे, पुलिस निरीक्षक विनोद वाकड़े, पोहवा विलास खनके, नापोशि निलेश बर्वे व पोशि चंद्रनाग ताकसांडे ने की.
इस मामले के बाद पुलिस अधीक्षक प्रकाश जाधव की ओर से नागरिकों से आह्वान किया गया कि किसी भी सरकारी कार्यालय में किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी या उनके अधीनस्थ किसी भी निजी व्यक्ति द्वारा रिश्वत की माँग की जाती है तो सीधे एसीबी के लैंडलाइन टोल फ्री नं. 1064 पर सम्पर्क किया जा सकता है.