Published On : Fri, Mar 31st, 2017

अतिन्द्रिय शक्ति के जरिए 10 वर्ष के बालक ने खोजी पिता की चोरी गई बाइक

Advertisement

नागपुर:चौथी कक्षा में पढ़नेवाला भारतीय विद्या मंदिर का विद्यार्थी आरुष थूल यह फिलहाल चर्चा का केंद्र बिंदू बना हुआ है। दावा है कि उसने अपनी अतिन्द्रिय शक्ति का इस्तेमाल कर पिता की 10 दिन पहले चोरी गई बाइक खोज निकाला। आरुष अपने माता पिता के साथ परसोड़ी के संभाजी नगर में रहता है।

गुरुवार को पत्रकार भवन में आयोजित पत्र परिषद में जानकारी देते हुए आरुष के पिता विवेक थूल और मां प्रेरणा थूल ने दावा करते हुए बताया कि 11 मार्च 2017 को संभाजी नगर परसोड़ी से उनकी स्प्लेंडर MH-31 CY-9899 चोरी हो गई थी। उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत प्रताप नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई। गाड़ी ना मिलने से उसके पिता घर में निराश लौट आए थे। लेकिन आरुष को भरोसा था की वह चोरी जा चुकी गाड़ी को जरूर खोज निकालेगा। इसके लिए दस साल के आरुष को ब्रेन चाइल्ड लर्निंग सेंटर में सीखी क्लेयरवोयंस टेक्निक मददगार साबित हुई। इस तकनीक के जरिए उसने गाडी चोरी के बाद पहले दिन अपने पिता को बता दिया था कि गाड़ी गोपाल नगर परिसर में है। यही नहीं उसने गोपाल नगर में गाड़ी कहां रखी हुई है यह भी बता दिया था।

Gold Rate
13 May 2025
Gold 24 KT 94,300/-
Gold 22 KT 87,700/-
Silver/Kg 97,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

खास बात यह है कि आरुष कभी भी गोपाल नगर नहीं गया था। जब आरुष के पिता गोपाल नगर पंहुचे तो जैसा विवरण आरुष ने बताया था वैसा ही नजारा वहां दिखाई दिया। जिसके बाद उसके पिता ने आरुष के ब्रेन ट्रेनर तन्मय नायक से संपर्क किया और उनको घटना की जानकारी दी। जिस पर ट्रेनर ने बताया कि परिसर में रखी वस्तुओं की जानकारी देना यह ब्रेन ट्रेनिंग का एक हिस्सा है। लेकिन इतने दूर की जानकारी देना यह एक अनोखी और दुर्लभ बात है। ट्रेनर तन्मय ने आरुष के पिता विवेक को यह भी बताया कि आरुष पर ज्यादा जोर मत दीजिए आरुष जो बताता है उस पर ध्यान दीजिए।

इसके बाद आरुष के पिता ने ऑफिस से 2 दिनों की छुट्टी ली और बाइक खोजने लगे। आरुष ने उन्हें बताया कि जिसके पास बाइक है वो लगातार अपनी जगह बदल रहा है। और अपने पिता को उसने दो जगहों की जानकरी दी। जहां चोरों ने बाइक छिपा रखी थी। 10 वें दिन 25 मार्च को आरुष ने गाड़ी छिपाए जाने का सही ठिकाना बताया। जब पिता और उनके दोस्त आरुष की बताई हुई जगह पर पंहुचे तो उन्हें उनकी बाइक मिल गई। जिसके बाद उसके पिता को आरुष के तीक्ष्ण बुद्धि का पता चला।

आरुष आखों पर पट्टी बांधकर सामने बैठे हुए व्यक्ति के कपड़ो का रंग भी बता देता है।आरुष ब्रेन चाइल्ड लर्निंग सेंटर से लर्निंग एनहांसमेंट प्रौग्राम ब्रेनी 4 लेवल का विद्यार्थी है। ब्रेन चाइल्ड लर्निंग यह एक मलेशियन संस्था है जो बच्चों के ब्रेन की क्षमता बढ़ाने का प्रयास करती है।

Advertisement
Advertisement