आयुक्त के बाद मुख्य अभियंता जिले के दौरे पर
यवतमाल। अमरावती संभाग के आयुक्त ज्ञानेश्वर राजुरकर ने 6 नवंबर को अचानक जिले के किसानों के खेतों में पहुंचकर औचक निरीक्षण किया था. उसके एक सप्ताह बाद आज संभागीय मुख्य अभियंता पी.एस. मंडपे 3 दिन के दौरे पर जिले में पहुंचे है. खरीफ की फसल नहीं होने की ढेरों शिकायतें मिलने के बाद कमीश्नर ने दौरान किया था. अब बारी है मुख्य अभियंता की. यह दौरे का सत्र क्यों शुरू है? इसकी ठोह लेनेपर पता चला कि, 22 नवंबर को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अमरावती पहुंचनेवाले है. वहां संभाग की समस्याओं का जायजा वे लेनेवाले है. जिसके चलते यह भागदौड़ आननफानन में अधिकारी कर रहें है. यह सब दिखावा होने का आरोप किसान नेता किशोर तिवारी ने किया है. अगर इस मामले में किसानों को न्याय नहीं मिला तो आयुक्त को न्यायालय तक खिंचेंगे, ऐसी चेतावनी भी दी है.
दूसरी ओर मुख्य अभियंता यवतमाल पहुंचे. उन्होंने यवतमाल एक खस्ताहाल रास्तों, पुलिया का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाई. कल और परसो पांढरकवड़ा और पुसद का दौरा वे करेंगे. इस बीच वे रेत माफिया द्वारा खोदे गए पुलिया का भी निरीक्षण करनेवाले है. राज्य सरकार बदलते ही अधिकारी भी सुस्ती छोड़कर चुस्त नजर आ रहें है. क्योंकि 22 को नवनियुक्त सीएम देवेंद्र फडणवीस का अमरावती दौरा है. इस दौरे में वे अधिकारियों से जायजा लेनेवाले है. अबतक काम चल गया. पहेली बार तिन दिवसीय दौरा अमरावती संभाग के किसी भी मुख्य अभियंता ने आजादी के 67 वर्षों में तीन दिन का दौरा एक जिले में कभी नहीं किया. मगर पहली बार यह दौरा हों रहा है. जिससे रास्ते की मर मत होगी, या नये रास्तें बनेंगे, ऐसी उ मीद है. उसके साथ आयुक्त राजुरकर ने 2-3 बार बुआई के बावजूद फसल नहीं हुई, लागत भी नहीं निकली, उत्पादन अल्प हुआ. औरंगाबाद जिले में एक पुलिया के पास की रेत खोदके ले जाने से उसको खतरा निर्माण हो गया है. ऐसी ही हालत जिले के कई पुलियाओं पर है. मंडपे रेत तस्करों द्वारा खोदी गई पुलिया के पास की रेत स्थलों का निरीक्षण करते है या नहीं? इस ओर भी सर्तक नागरिकों की नजरें लगी हुई है.
Representational pic