Published On : Fri, Aug 1st, 2014

चंद्रपुर : बाघिन की दहशत के साये में पोंभुर्णा क्षेत्र के 8 गांव

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जीना भूल चुके ग्रामीण, शाम से बंद हो जाते हैं घर के भीतर


बाघिन का बंदोबस्त नहीं हुआ तो युवक कांग्रेस आंदोलन करेगा

चंद्रपुर

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पिछले कुछ दिनों से पोंभुर्णा क्षेत्र के लोग एक बाघिन के आतंक से परेशान हैं. बाघिन अब तक 6 लोगों की जान ले चुकी है. बावजूद इसके वन विभाग ने इस संबंध में कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की है. बाघिन की दहशत के साये में यहां के 8 गांव हैं. बाघिन का डर इतना कि ग्रामीणों ने अपनी दिनचर्या तक बदल दी है. सुबह 8 से पहले खेतों में नहीं जाते, रात में खेतों की रखवाली बंद हो गई है. बच्चों को स्कूल भेजना तक बंद कर दिया गया है. गांवों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं. मगर वन विभाग ऐसे-वैसे दावे कर अपनी जिम्मेदारी
से हाथ झटकने में ही लगा है. युवक कांग्रेस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वन विभाग ने इस संबंध में तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद दत्तात्रय ने गुरुवार को सर्किट हाउस में आयोजित पत्र परिषद में बताया कि युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने खुद जाकर इन गांवों का दौरा किया तो यह साफ हो गया कि वन विभाग नागरिकों को गुमराह कर रहा है.

मानव नहीं, प्राणी ही आ रहे गांवों की ओर
दत्तात्रय ने कहा, बाघिन ने एक-एक कर 6 लोगों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया है. मगर वन विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. वन विभाग का कहना है कि मानव के जंगल की तरफ जाने के कारण मानव-प्राणी संघर्ष बढ़ गया है. परंतु प्रत्यक्ष में जंगल के प्राणी की गांवों की ओर आ रहे हैं. वन्यप्राणियों के बंदोबस्त के लिए जो कठघरा बनाया गया उसमें बिजली का करंट नहीं छोड़ा जा रहा है. कठघरे में लगाई जाने वाली बैटरियां भी बेकार हो गई हैं. अनेक स्थानों पर तो कठघरे ही टूटी-फूटी अवस्था में हैं. हालम ये है कि ऐसे में कोई भी प्राणी इसमें से निकलकर गांवों की ओर जा सकता है.

उन्होंने बताया कि अभी दो दिन पहले ही जिस महिला को बाघिन ने अपना शिकार बनाया था उसका घर और घटनास्थल के बीच की दूरी 40 से 50 मीटर थी. इससे स्पष्ट हो जाता है कि मानव नहीं बल्कि, प्राणी ही गांवों की ओर आ रहे हैं. दत्तात्रय ने कहा, वन विभाग चाहे जितने भी दावे करे, वास्तविकता तो यही है कि वह वन्य प्राणियों पर अंकुश नहीं रख पा रहा है.

न पिंजरे ठीक, न कोई शार्प शूटर ही
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि वन विभाग ने घोषणा की थी कि उसने बाघिन के बंदोबस्त के लिए पिंजरे लगाए हैं. परंतु, जहां पिंजरे लगाए जाने थे वहां तक वाहन पहुंचा ही नहीं. पिंजरे ले जा रहे वाहन के कीचड़ में फंसने की आशंका से पिंजरा अब तक लगा ही नहीं है. यही सच्चाई है. यही नहीं, वन विभाग ने वाघिन को रोकने के लिए शार्प शूटर लाने का दावा भी किया था, मगर वहां तो कोई शार्प शूटर है ही नहीं.

राज्य के मुख्य सचिव से गुहार
दत्तात्रय ने बताया कि मध्यचांदा वनविकास महामंडल व वन विभाग के कक्ष क्रमांक 102 व 87 में एक हफ्ते में ही बाघ दो लोगों की बलि ले चुका है. इससे गांववासी बेहद डर गए हैं. राज्य के मुख्य सचिव प्रवीण परदेशी से गुहार लगाई गई. अधिकारियों के ग्रामीणों को अनेक सुझाव देने के बावजूद पूरे गांवों में कर्फ्यू जैसा वातावरण बन गया है. फिलहाल खरीफ का मौसम चल रहा है. किसानों को बुआई के काम करने हैं. आम तौर पर तड़के 4 बजे उठकर खेत में काम के लिए जाने वाला किसान 8 बजे तक घर से बाहर नहीं निकल रहा है. 8 के बाद भी कोई किसान अकेले बाहर नहीं जाता. चार-पांच किसान एक साथ ही बाहर निकलते हैं. शाम 6 बजते ही गांव के लोग अपने आपको घर में बंद कर लेते हैं.

गांववासियों की दिनचर्या बदल गई
बाघिन के हमले से गांव वासियों की दिनचर्या ही बदल गई है. बाघिन के डर से किसान रात में जागकर खेत की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं. इसके चलते दूसरे जानवर फसलों को बरबाद कर रहे हैं. मजे की बात यह कि गांव के लोगों को तो रोज बाघिन दिखाई देती है मगर वन अधिकारियों को वह कहीं दिखाई नहीं देती. यह आश्चर्यजनक है. युवक कांग्रेस ने तत्काल इस तरफ ध्यान देकर बाघिन का बंदोबस्त करने की मांग की है.

वन विभाग का दावा भी झूठा
वन विभाग यह कहकर गांव के लोगों को गुमराह करने में लगा है कि बाघिन के साथ उसके दो बच्चे भी हैं और बाघिन को अगर बंद कर दिया गया तो उसके बच्चे आक्रामक हो सकते हैं. जबकि ग्रामीणों का कहना है कि बाघिन के साथ जो बच्चे थे वे अब बड़े हो गए हैं. यानी चार साल के हो गए हैं और वे अब अपना शिकार खुद कर सकते हैं. और तो और, दो बच्चों को हमला करते हुए नागरिकों ने देखा भी है. ऐसे में वन विभाग का यह कहना लोगों को गुमराह करने वाला ही है.

वन विभाग के दावे पर उठाए सवाल
दत्तात्रय ने वन विभाग के इस दावे को भी गलत बताया कि बाघ एक बार ‘मॅन इटर’ हो गया तो वह मानव पर हमला करता ही है. इसलिए बाघिन को उसके बच्चों से अलग करना खतरनाक होगा. दत्तात्रय ने कहा कि वन विभाग ने बंडू धोतरे को आगे कर यह कहा कि वह शार्प शूटर ले आया है. सवाल यह है कि क्या वास्तव में धोतरे शार्प शूटर हैं?

‘मैन इटर’ बाघ को प्राणी संग्रहालय भेजो : शिवा राव
पोंभुर्णा परिसर में अब तक बाघिन के हमले में 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. युवक कांग्रेस की टीम ने पोंभुर्णा क्षेत्र के घनोटी, देवई, हलदीडोंगर, सातारा, तुकूम आदि 8 गांवों का दौरा किया. वहां गांव के लोगों ने जो किस्से सुनाए वह रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं. ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है. युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष
शिवा राव ने ‘मैन इटर’ बाघ को प्राणी संग्रहालय में भेजने की मांग की है.

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