Published On : Mon, May 26th, 2014

मूल : छोटे बच्चोें ने वृक्ष दिंडी निकाली, पौधा रोपा

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मूल

wrukshdindi
श्रद्धेय कर्मयोगी बाबा आमटे के सोमनाथ के कुष्ठ रोगियों के लिए श्रम-संस्कार छावनी में गार्गिज फन वर्ल्ड पुणे द्वारा 22 से 25 मई 2014 तक आयोजित बाल निसर्ग शिविर में 7 से 15 वर्ष के 55 संपन्न, गरीब तथा निराश्रित बच्चे इस शिविर में शामिल हुए. छोटी और कच्ची उम्र से ही श्रम-संस्कार और समाज सेवा का पाठ पढनेवाले छोटे बच्चोें ने बड़े उत्साह से अपने माता-पिता से दूर रहकर प्रकृति (निसर्ग) के साथ अपना रिश्ता जोडा और चालू वर्ष में निसर्ग को निमंत्रण दिया. इस शिविर में आनंदवन वरोरा के अनाथ बच्चे भी शामिल हुए.

बाल निसर्ग शिविर में जंगल भ्रमण, तैरना, रेत से घर बनाना, छोटी उम्र में ही खुद को तैयार करना सीखना, पंगत में भोजन करना, शाम को शुभंकरोती बोलना और रात को तारे निहारना जैसे संस्कारों के साथ ही छोटी उम्र से ही पोवाडा, नाटक, ढोल-ताशे बजाना, नृत्य-गाने सीखना और पेश करना जैसे संस्कार भी दिए गए. वन्य प्राणियों और वृक्ष की पहचान करना भी इस शिविर में सिखाया गया.

शिविर की आयोजक प्राजक्ता कोलपकर (बोराडे) के नेतृत्व में राखी बोराडे, चित्रकला श्रीपाद पिंपलापुरे, सर्पमित्र प्रवीण कडु, योगिता हजारे, सरोज ढवस, डॉ. मनीषा घुगल ने शिविर की सफलता के लिए प्रयास किया. शिविर के आयोजन में कुष्ठ रोगियों की देखभाल करने और उनका पालकत्व स्वीकारने वाले हरिभाऊ बढे, अरुणभाऊ कदम का भी अमूल्य सहयोग मिला.