Published On : Tue, Oct 29th, 2019

गोंदियाः सत्ता और कुर्सी का खेल निराला

Advertisement

गोंदियाः जनता के उम्मीदवार ने जनता से नहीं पूछा कि, भाजपा में जांऊ क्या?

रवि आर्य
गोंदिया । राजनीति भी बड़ी अजीब चीज है, यहां वक्त की ऩजाकत और हालात को देखकर राजनेता अक्सर समझौते करने लगते है।
गोंदिया विधानसभा सीट से निर्दलीय नवनिर्वाचित विधायक विनोद अग्रवाल यह गोंदिया-भंडारा के पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके के साथ 28 अक्टू. सोमवार के रात मुख्यमंत्री आवास (वर्षा बंगले) पर पहुंचे तथा औपचारिक चर्चा के बाद उन्होंने भाजपा को बिना शर्त समर्थक देने का ऐलान कर दिया तथा इस संदर्भ में लिखित पत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा, जिसकी तस्वीरें आज सुबह सोशल मीडिया पर वायरल होते ही तरह-तरह के कमेन्ट्स आना शुरू हो गए।

Gold Rate
20 May 2025
Gold 24 KT 93,400/-
Gold 22 KT 86,900/-
Silver/Kg 95,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

बिना शर्त हुआ समर्थन- डॉ. परिणय फुके
समर्थन सशर्त हुआ है या बिना शर्त ? इस मुद्दे पर हमने पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके से बात की, उन्होंने कहा- विनोद अग्रवाल ने बिना शर्त समर्थन जाहिर किया है, कोई निगोसेशन नहीं, कोई डिलिंग नहीं हुआ? वे अनकंडिशनल समर्थन पत्र लेकर आए, उन्होंने साइन किया और सौंपा।
जिले में इलेक्शन कैसा हुआ? इसपर जरूर दोनों के बीच औपचारिक चर्चा हुई। वे चुन के आने के बाद भाजपा में जाएंगे एैसा उनका पहले से मन था।
विनोद अग्रवाल हो या परिणय फुके हमारी पहचान भाजपा नेता के रूप में ही है और हम पार्टी को छोड़कर किसी ओर दल में जा नहीं सकते?

गोंदिया के विकास को लेकर समर्थन दिया- विनोद अग्रवाल
अपने गोंदिया क्षेत्र का डेव्ल्पमेंट होना चाहिए बस इसी विकास के मुद्दे को लेकर समर्थन किया है, कोई शर्त नहीं है। मुख्यमंत्री से मैंने कहा- मेरे क्षेत्र का विकास होना चाहिए, बस यहीं मेरी प्राथमिकता है, बहुत सारे विकास के काम अधुरे पड़े है, जिन्हें पूरा करना है, जैसे गोंदिया शहर का रि-डेव्हल्पमेंट , भूमिगत गटर योजना, रोजगार के प्रश्‍न , पीने के पानी की व्यवस्था हेतु डांगोर्ली बॅरेज , एैसे अनेक विषयों पर चर्चा हुई जिसपर सीएम ने कहा- 2 वर्षों के भीतर ये सारे ज्वलंत प्रश्‍न सुलझा लिए जायेंगे।

गौरतलब है कि, खुद को जनता का उम्मीदवार घोषित करते हुए विनोद अग्रवाल ने पब्लिक से समर्थन मांगा और भाजपा के 80 प्रतिशत कार्यकर्ताओं ने प्रचार में पसीना बहाया और मतदाताओं ने भी उन्हें भरपूर सहयोग और आर्शिवाद दिया। 1 लाख 2 हजार 996 वोटरों ने चाबी की बटन दबायी और वे निर्दलीय विधायक चुने गए। अब इसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर कमेन्ट्स आ रहे है कि, जनता के उम्मीदवार ने जनता से नहीं पूछा कि, बीजेपी में जाऊ क्या?

अब इसे हालात से समझौता कहें या फिर कुछ ओर.. अलबत्ता इतना जरूर है विनोद अग्रवाल ने टिकट कटने की सारी नाराजगी दूर करते हुए घर वापसी की है।

तुम्हीं से मोहब्बत, तुम्हीं से लड़ाई..
भाजपा-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही तनातनी के बीच गोंदिया-भंडारा जिले में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई है। भंडारा के विधायक नरेंद्र भोंडेकर जहां शिवसेना के करीब जा रहे है, वहीं विनोद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर भाजपा को अपना समर्थन घोषित कर दिया।
सत्ता अंक गणित का खेल है, शिवसेना ढ़ाई-ढ़ाई साल के मुख्यमंत्री के फामूर्ले पर अड़ी हुई है वहीं फडणवीस अगर 5 वर्षों तक मुख्यमंत्री बने रहना चाहते है तो निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल करना उनके लिए बेहद जरूरी है। मुंबई सत्ता संघर्ष का केंद्र बन चुकी है, इसी कड़ी में दोनों ओर से बिसात बिछ रही है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement