Published On : Thu, May 16th, 2019

दस महीने बाद दायर हुई दो करोड़ की वनसंपदा चोरी मामले की चार्जशीट, देरी की जांच करने का आया आदेश

Advertisement

वनरक्षक दुर्गा कुर्वे ने उजागर किया था प्रकरण, मामला दर्ज होने के 10 महीने बाद 26 अप्रैल 2019 को हुई चार्शिट दाखिल

हिंगणा: तहसील के हिंगणा व परिक्षेत्र अंतर्गत कान्होलीबारा बिट में 2 करोड रुपए की मुरूम, पत्थर वन विभाग की जमीन से चोरी किए जाने का मामला जून 2018 में सामने आया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए वन परिक्षेत्र अधिकारी ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. लेकिन इस मामले की जांच 10 महीने चलने के बाद आरोपी के खिलाफ न्यायालय मे चार्शिट दाखिल की गई है जिसे लेकर वन विभाग के आलाधिकारियों की त्योरियां चढ़ी हुई हैं. विभाग के आलाधिकारियों ने चार्जशीट देरी से फाइल क्यों की गई इसकी जांच करने के आदेश आरएओ को दिए हैं.

Gold Rate
09 May 2025
Gold 24 KT 96,800/-
Gold 22 KT 90,000/-
Silver/Kg 96,500/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

हिंगणा तहसील के खड़की ग्राम पंचायत अंतर्गत मुरूम पत्थर की खुदाई हरीश दशरथ फुलसुंगे ने वर्ष 2010 में शुरू की थी. उसकी यह जमीन वन विभाग की जमीन से लगी हुई है. फुलसुंघे ने अपनी निजी जमीन पर खुदाई की शुरुआत करने के बजाय वन विभाग की जमीन पर खुदाई शुरू की और करीब 1 करोड़ 99 लाख रुपए के मुरूम, पत्थर का उत्खनन किया. वन विभाग द्वारा यह मामला वर्ष 2018 में सामने आया. इस बीच आठ साल में वन विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी आए और गए किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ध्यान गया भी होगा तो नजर अंदाज किया गया.

महिला कर्मचारी ने किया खुलासा:- हिंगणा वन परिक्षेत्र अंतर्गत कान्होलीबार क्षेत्र में कार्यरत महिला वन रक्षक दुर्गा कुरने ने 2 करोड़ रुपए के उत्खनन का मामला उजागर किया. वे जब अपने सहयोगियों के साथ जंगल में गश्त कर रही थीं तभी उन्हें जंगल के अंदर खुदाई करते लोग नजर आए. उन्होंने इसकी जानकारी वनपरिक्षेत्र अधिकारी आशिष निनावे को दी. निनावे ने वन विभाग के नगर रचना व भूमापन विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर क्षेत्र की गिनती की. जिसमें करीब 1 करोड़ 99 लाख रुपए का उत्खनन किए जाने का खुलासा हुआ. तत्काल 20 जून 2018 को मामला दर्ज किया गया.

खुदाई से बना गहरा गड्ढा
वन विभाग की जमीन पर आरोपी हरीश फुलसुंगे ने दो जगह बड़े गड्ढे कर करीब 2 करोड रुपए का मुरूम, पत्थर उत्खनन किया. वन विभाग की जमीन वन कक्ष क्र. 185 के खसरा नं. 48 में एक जगह 0.06 हेक्टर आर और दूसरी जगह 0.18 हेक्टर आर ऐसे कुल 0.24 हेक्टर आर जमीन पर खुदाई की गई. इस खुदाई से वहां पर गहरा गड्ढा बन गया है. जो वन्यप्राणियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

आरोपी द्वारा हिंगणा तहसील के उक्त मौजा खदान क्षेत्र घोषित होने के बाद यहां के खसरा नंबर 94, 95 और 96 में हरीश फुलसुंगे द्वारा उत्खनन किया जा रहा है. वन विभाग की जमीन पर खुदाई का मामला उजागर होते ही वन विभाग ने खनिकर्म विभाग को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद ख.न. 93 में चल रही खुदाई बंद की गई. लेकिन इसी से लग कर ही बाजू की जमीन पर दिन रात खुदाई की जा रही है.

आरोपी हरीश फूलसुंगे गिरफ्त से बाहर
छोटे से छोटे मामले में भी आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाती है. साथ ही मामले में लिफ्ट सामग्री भी जप्त की जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया. आरोपी हरिश को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. उत्खनन कर ले जाने वाले उपकरण पोकलैंड, जेसीबी, ट्रक को भी जप्त नहीं किया गया। इसके चलते मामले की जांच अधिकारी पर कई सवाल उठ रहे है। जंगल से लगकर ही वह आरोपी अपने जमीन पर अब भी खुदाई कर रहा है।किसी भी मामले में मामला दर्ज होने के 90 दिनों के भीतर न्यायायलय में चार्शिट दाखिल करना पड़ता है, लेकिन इस मामले में जांच अधिकारी ने पूरे 10 महिने से अधिक का समय लिया गया. हिंगना वन परिक्षेत्र अधिकारी ने सीआरपीसी 469 के तहत एक साल का सजावाले मामले में चार्शिट दाखल करने के लिए एक साल का समय दिया गया है. साथ ही अगर किसी मामले में आरोपी पुलिस कस्टडी या न्यायालयीन कस्टडी में हो तो 90 दिन सीआरपीसी 167 के तहत के भीतर चार्शिट दाखल करना पड़ता है.

उल्लेखनीय यह है कि आशीष निनावे के अनुसार वन विभाग द्वारा पांचपगांव के उत्खनन मामले में जो चार्शिट पेश की गई थी उसके न्यायालय ने कई खामिया निकाली थी. उसे ध्यान में रखते हुए यह चार्शिट बनाई गई है. 26 अप्रैल को न्यायालय में चार्शिट दाखिल की गई. सीआरपीसी 468 के तहत जांच करने में 1 साल का समय मिला. जिसके चलते दोषारोपण सक्त बताया गया. आरोपी क्षेत्र में ही होने के कारण उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। उसने कबूल किया है कि मैने ही खुदाई की है. वन विभाग क्षेत्र में वर्ष 2010 में खुदाई की गई थी.

– शेख अलिम महाजन

Advertisement
Advertisement