Published On : Sat, Dec 8th, 2018

विदर्भ में 22 महीने में 9 बाघ का शिकार,देश भर में 10 वर्ष में 384 बाघों को शिकारियों ने बनाया निशाना

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नागपुर: लाख दावों और योजनाओं के बावजूद लगातार बाघों की मौत हो रही है। आरटीआई कार्यकर्त्ता अभय कोलारकर द्वारा वन विभाग से सूचना के अधिकार के तहत माँगी गई जानकारी में जो चौकाने वाली जानकारी आयी है उसमे 9 बाघों का खुद शिकार किया गया है। वन विभाग ने आरटीआई कार्यकर्ता को दिए जवाब में बताया है कि बीते 22 महीने में राज्य में 22 बाघों की मौत हुई है जिसमे 9 बाघों का शिकार विद्युत् प्रवाह के माध्यम से किया गया है।

विदर्भ बाघों का गढ़ माना जाता है। यहाँ मौजूद व्याघ्र प्रकल्पों में कई बाघ-बाघिन रहते है। लेकिन बीते वक्त में बाघों के इंसानी बस्ती में विचरण करने और कोंढाली के बाजारगांव में सड़क दुर्घटना में एक बाघ की मौत की घटना ने भविष्य में बाघों के संरक्षण पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। सिर्फ बीते 10 महिनों इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के बीच 10 बाघों की जान गई है। राहत की बात है की विदर्भ के व्याघ्र प्रकल्पों में बाघों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है।

बाघों का शिकार एक बड़ी समस्या है। देश भर में लगातार प्रतिबंध के बावजूद बाघों को शिकारी अपना शिकार बना रहे है। नोएडा के वकील रंजन तोमर ने आरटीआई के माध्यम से वन्यजीव अपराध नियंत्रण विभाग से बीते 10 वर्ष में हुए शिकार की जानकारी माँगी थी।

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आरटीआई के जवाब में तोमर को बताया गया कि बीते 10 वर्षों में यानि 2008 से 2018 के दौरान 384 बाघों का शिकार किया गया। और इन सभी मामलों में 961 आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई।

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