Published On : Fri, Sep 21st, 2018

रेत माफ़िया : मांग पूरी करने में प्रशासनिक अड़चने, खदान में बनता जा रहा रेत का पहाड़

Advertisement

नागपुर : पर्यावरण प्रेमियों और विशेषज्ञों की गंभीर पहल पर न्यायालय ने रेत उत्खनन को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं. प्रशासन ने जब निर्देशों का सख़्ती से पालन किया तो विकासकार्यों पर इसका असर पड़ने लगा. दूसरी ओर वेकोलि खदानों से निकलने वाली रेत की बिक्री प्रक्रिया शुरू न होने अब यह जमा रेत पहाड़ का रूप लेती जा रही है.

समय रहते अगर वेकोलि और जिला प्रशासन नहीं जागा, तो इस खनिज संपदा से होने वाली आय से हाथ धोने की नौबत आ सकती है. ज्ञात हो कि बिना रेत के जिले में निर्णयकार्य प्रभावित हो रहा है. रेत घाट नीलामी में कई प्रकार की सख्तियों के चलते रेत घाटों की निलामी उम्मीद के अनुरूप नहीं हो पाती है. जिले के रेती घाटों पर कई दशक से माफिया जगत का कब्ज़ा है.

Gold Rate
05 May 2025
Gold 24 KT 93,900/-
Gold 22 KT 87,300/-
Silver/Kg 95,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

वे संगठित होकर रेत घाट निलामी में भाग लेते हैं और सुनियोजित ढंग से एक घाट लेकर अन्य घाटों पर कब्जा कर मनमानी करते हैं. अब छोड़े गए घाट से रॉयल्टी चुकाए बिना रेत खुलेआम उठाना आम बात हो चुकी है. शाम ढलते ही रेत की चोरी धड़ल्ले से शुरू हो जाती है. वेकोलि के सावनेर तहसील अंतर्गत बीना नदी के किनारे खुली खदान है. इस खदान में पिछले एक वर्ष में बरसात का मौसम छोड़ दिया जाये तो रोज ५०० से ६०० बड़ी स्कैनिया की ट्रक/टिप्पर से रेत उत्खनन किया जाता है.

उत्खनन की गई मिटटी मिश्रित रेत का खदान से लगे तकरीबन एक किलोमीटर परिसर में जमा किया जा रहा है. इस कार्य के लिए ठेकेदार कंपनी की १५ गाड़ियां लगी हैं. यह गाड़ियां ३ शिफ्ट में काम करती है. प्रत्येक गाड़ी को रोज ६० से ७५ फेरी लगाना अनिवार्य है. इस हिसाब से रोज लगभग ९०० फेरियां (रेती ६०% और मिटटी ४०%) उत्खनन कर जमा किया जा रहा है. आज एक वर्ष बाद रेती और मिटटी की पहाड़ बन चुका है. इतना ही नहीं रेत के पहाड़ को मिटटी से ढंकने का सिलसिला भी जारी है. इस सन्दर्भ में सावनेर के तहसीलदार,एसडीओ कार्यालय का मौन रहना समझ से परे है.

जिले के बाजार में रेत का भाव १६ से २० हज़ार रुपए प्रति ट्रक/टिप्पर है और वेकोलि लगभग ९००० ट्रक/टिप्पर रेत जमा कर सभी का नुकसान कर रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में जिला प्रशासन मौका निरिक्षण कर वेकोलि को रेत निलामी या बिक्री का निर्देश दे ताकि वेकोलि सह जिला प्रशासन को राजस्व और निर्माणकार्य क्षेत्र को आसमान छूते रेत के भाव से निजात मिल सके. साथ ही जिला प्रशासन को रेत घाटों की नीलामी के लिए ज्यादा चिंतित नहीं होना पड़ेगा.

बंद सीएचपी बंद लेकिन ठेकेदार को भुगतान जारी
उक्त खदान में २ सीएचपी हैं. एक रेत तो दूसरा कोयला के लिए. नियमानुसार रेत और कोयला सीधे स्टॉक से देने के बजाय सीएचपी द्वारा प्रक्रिया के बाद दिया जाना चाहिए. लेकिन इस खदान के स्टॉक से मांगनेवाले को सीधे रेत और कोयला आपूर्ति किया जा रहा है. जबकि सीएचपी का ठेका जारी हुआ, ठेकेदार कंपनी को भुगतान जारी है. कोल ट्रांसपोर्टिंग और लिफ्टिंग का भी ठेका कागजों तक सीमित है लेकिन उन ठेकेदार कंपनियों को भुगतान लगातार किया जा रहा है.

सरकारी प्रकल्प को ख़राब रेत की पूर्ति की जा रही
सरकारी प्रकल्प के लिए रेत पूर्ति हेतु वेकोलि के साथ विगत माह एक करार हुआ. इस करार के हिसाब से रेत उत्खनन के बाद उसे सीएचपी में गड़गड़ा और मिटटी अलग कर उच्च दर्जे की रेत देने का करार हुआ था. लेकिन इस खदान से निकली रेत सीधे स्टॉक से रोज ४ से ५ ट्रक/टिप्पर सरकारी गृह निर्माण के प्रकल्पों को दिया जा रहा है.

ईंट निर्माण प्रकल्प ठंडे बस्ते में
रेत उत्खनन के बाद सीएचपी में प्रक्रिया के बाद अलग होने वाली मिटटी से ईंट निर्माण की योजना बनाई गई थी. लेकिन सीएचपी बंद रखने से ईंट निर्माण प्रक्रिया ठंडी पड़ गई. इस प्रक्रिया के शुरू रहने से वेकोलि को आर्थिक मुनाफा होना तय था.

कोयला-रेत ओवरलोड परिवहन करवा रहा खदान प्रबंधक
उक्त खदान से कोयला और रेत से भरे ट्रक से रोज २४ घंटे अपनी भर क्षमता से औसतन १० टन अधिक ढुलाई करवाया जा रहा है. खदान का कांटाघर खदान प्रबंधक के इशारे पर चलता है. खदान प्रबंधक को खदान परिसर में विचरण करते देखा जा सकता है. इसी ओवर लोड ढुलाई से पिछले दिनों खापड़खेड़ा थाना अंतर्गत एक दुर्घटना में एक जान गई थी. पुलिस प्रशासन और चिचोली के सत्ताधारी ने ओवरलोड ट्रक/टिप्पर पर रोक लगाने के बजाय रविवार के सड़क किनारे बाजार को बेदखल कर अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश कर रहा है.

वलनी घाट में रेत चोरी शबाब पर
वलनी रेट घाट हमेशा से ही विवाद में रहा हैं.इन दिनों बंद घाट से रोजाना रातों रात ५-६ ट्रक/टिप्पर रेत उत्खनन का सिलसिला कई महीनों से जारी हैं.जिसे बाजार में मांगकर्ताओं को १५००० प्रति ट्रक/टिप्पर बेचा जाता हैं.यह एक ही गुट रेती चोरी में लिप्त हैं ,जिसे खापड़खेड़ा पुलिस का संरक्षण प्राप्त हैं.खापड़खेड़ा पुलिस रोजाना अपने क्षेत्र अंतर्गत दौड़ने वाली ३०० के आसपास अवैध परिवहन,ओवरलोड परिवहन के मददगार बने डटे हैं.
उक्त मामलात पर स्थानीय जागरूक नागरिकों ने जिला प्रशासन को गंभीर दखल लेने की मांग की हैं.

Advertisement
Advertisement