Published On : Fri, Apr 27th, 2018

आर टी ओ घोटाला : पोल खुलते ही स्कूल बस लेकर फरार हुआ ड्राइवर

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Bus main photo

नागपुर: राज्य परिवहन विभाग ने स्कूल बसों के लिए 27 मानक तैयार किए हैं जिनका पालन करने वालों को ही स्कूल बस का संचालन करने की अनुमति दी जाती है लेकिन आरटीओ की नाक के नीचे वेकोलि में स्टाफ बस को स्कूल बस में तब्दील कर दौड़ाया जा रहा है. इस गोरखधंधे का खुलासा हाल ही में नागपुर टुडे ने किया था. इसके बाद से ही बस चालक स्कूल बस समेत फरार बताया जा रहा है. बहरहाल इस मामले में आर टी ओ और वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड दोनों ही विभाग का दर्शक बने बैठे हैं. इससे उनकी कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इस अनियमितता में भारी भ्रष्टाचार का संदेह जताया जा रहा है. शीघ्र दोनों विभागों ने ठोस कदम नहीं उठाया तो मामला सीबीआई के सुपुर्द कर न्याय की गुहार लगाने की जानकारी स्थानीय जागरूक नागरिकों ने की हैं.

ज्ञात हो कि वेकोलि के नार्थ वणी क्षेत्र ने एक माह पूर्व खदानों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के बच्चों को स्कूल आवाजाही के लिए निविदा जारी की गई थी. इस निविदा शर्तो के अनुसार स्कूल बस आरटीओ में 27 मानकों को पूर्ण करने के बाद पंजीकृत किया जाता है, साथ ही ये बस भी 54 सीटर होनी चाहिए. अमूमन स्कूल बस में बच्चों को चढ़ने-उतरने के लिए सीढ़ियों में अतिरिक्त पायदान (स्टेप्स) होना अति-आवश्यक हैं.

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नियमों की उड़ी धज्जियां
गोंदिया की चर्चित बालाजी ट्रेवल्स ने यह टेंडर हासिल करने के लिए जोर लगाया। लेकिन वेकोलि के संबंधितों ने सलाह दी कि वे बालाजी के नाम से टेंडर उठाने के बजाय नई फर्म से टेंडर प्रक्रिया में भाग लें. बालाजी ट्रेवल्स समूह के प्रमुख गुप्ता अपनी पत्नी के नाम (व्यंकटेश टूर्स एंड ट्रेवल्स) से फर्जी दस्तावेजों को जमा कर टेंडर हासिल करने में सफल हुए.

टेंडर मिलने के बाद गुप्ता ने आरटीओ के नियमों का उल्लंघन करना शुरू किया। यह स्कूल बस54 के बजाय 51 सीटर और बस पीली की बजाय सफ़ेद दौड़ाई जा रही हैं. इस बस में खिड़कियों पर 2-2 बार (रॉड) हैं,जबकि स्कूल बस में बच्चों की सुरक्षा के मद्देनज़र 4-4 रॉड होनी चाहिए. उधर गुप्ता ने उक्त बस जिस कंपनी से खरीदी (जायका) उनका कहना हैं कि बालाजी ट्रेवल्स गोंदिया ने 7-8 माह पहले एक स्टाफ बस बेचीं थी. स्टाफ बस में खिड़कियों पर 2-2 थी.

सवाल यह हैं कि उक्त बस का क्रमांक एमएच 35 एजे – 0272 गोंदिया आरटीओ में पंजीकृत हुआ हैं. क्या आरटीओ ने स्कूल बस के नाम पर पंजीकृत किया? किया तो क्या स्कूल बस के लिए आरटीओके 27 बिन्दुओं की जाँच की गई?

दूसरी ओर बिना आरटीओ के जायज अनुमति के वेकोलि प्रबंधन व सम्बंधित विभाग कैसे गैरकानूनी रूप से स्टाफ बस को स्कूल बस के रूप में चलवाकर खदान कर्मी-अधिकारी के बच्चों से खिलवाड़ कर रही.

उक्त मामले को सार्वजानिक करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता आबिद हुसैन ज़हीद हुसैन ने जानकारी दी कि उक्त बस का परमिट फर्जी हैं. वेकोलि वणी नार्थ के सम्बंधित अधिकारी अप्रत्यक्ष रूप से उक्त बस के संचालक को मदद कर रहे हैं. इस बस में प्रथमोपचार और अग्नि सुरक्षा के उपकरण नहीं हैं. उन्होंने उक्त घटना की जानकारी डीवायएसपी कार्यालय को देकर बस जप्त करने की मांग की, इसी बीच बस चालक ने उक्त सूचना बस संचालक गुप्ता को दी, और गुप्ता ने कल सुबह ही बस वणी से गोंदिया बुला लिया. जिसकी फुटेज वरोरा टोल प्लाजा में दर्ज हैं.

इन्हे सूचना मिली कि गुप्ता दूसरी जायज बस भेजकर कागजातों की लीपापोती करने वाला हैं. इस संदर्भ में इन्होने वेकोलि के सभी सम्बंधित अधिकारियों को मामला रफा-दफा न करने की चेतावनी दी. उन्होंने शुक्रवार को वणी नार्थ के महाप्रबंधक से मुलाकात कर दोषी अधिकारी और बस संचालक पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.

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