Published On : Thu, Dec 14th, 2017

महाराष्ट्र में 1316 सरकारी स्कूलों के बंद करने के निर्णय के खिलाफ विधान परिषद में जोरदार हंगामा दो बार कामकाज हुआ प्रभावित

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Dhananjay Munde
नागपुर: महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग के द्वारा 1316 स्कूल बंद करने का फैसला लिया है उसके खिलाफ विधान परिषद में जम कर हंगामा हुआ। दो बार काम काज प्रभावित हुआ। विपक्ष ने विधान परिषद में इस बात को लेकर हंगामा किया की निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा संचालित 1300 स्कूलों को बंद कराने का निर्णय सरकार ने लिया है।

गौरतलब हो कि जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 0 से20 तक है, उन स्कूलों में पढ़ाने वाले विद्यार्थियों को पास के हि स्कूल में स्थानांतरित किया जाएगा। ऐसा निर्णय शिक्षा विभाग में लिया है। राज्य सरकार ने प्राथमिक और माध्यमिक स्कुलो का सर्वेक्षण कराया था। इस सर्वश्रेष्ठ में पता चला कि 5002 स्कूलों में 10 से कम विद्यार्थी है इनमें से 4353 जिला परिषद और 69 निजी अनुदानित स्कूल है।

विधान परिषद के विपक्ष नेता धनंजय मुंडे
इन सभी स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को समीप के स्कूल में समायोजित करने की शुरुआत कर दी गई है ,विपक्ष कि दलिल है कि छात्रों को काफी परेशानी हो रही है, उन्हें दूर दराज के इलाकों में पढ़ने के लिए जाना पड़ेगा। शिक्षकों को नौकरी जाने का भय सता रहा है। यह सभी तकलीफ निजी स्कूलों को मात्र फायदा पहुंचाने के लिए इस सरकार ने यह फैसला लिया है। विधान परिषद के विपक्ष नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि यह सरकार शिक्षा के खिलाफ गलत नीतियां ला रही है, छात्रों पर शिक्षा का परिणाम हो रहा है, अध्यापकों पर भी अन्याय कर रही हैं।

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शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि वह शिक्षा की गुणवत्ता को देखकर ऐसा निर्णय ले रहे हैं, उन स्कूलों पर निर्णय लिया गया है, जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है और उन्हें नजदीक के स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है, कम संख्या वाले स्कूलों में विद्यार्थियों की गुणवत्ता पूरी तरीके से सर्वांगीण विकास नहीं किया जा सकता। इसलिए उन्हें नजदिक के स्कूलों में भेजा जा रहा है। कांग्रेस के सरकार के दौरान 20000 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया था ।लेकिन हमने उस निर्णय को न मानते हुए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। जहां पर छात्रों की संख्या काफी कम है और वहां के छात्रों पर अध्यापकों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है।

शिक्षक विधायक कपिल पाटिल ने कहा कि सरकार पूरी तरीके से निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है। पाटिल ने कहा कि नाइट स्कूल भी इस सरकार ने बंद कर दिया है। हजारों की संख्या में अध्यापक सड़कों पर है, उन्हें सरकार वेतन नहीं दे रही है। इतनी झूठी सरकार किसी ने नहीं देखी। विधायक पाटिल का कहना है कि राइट ऑफ एजुकेशन के तहत किसी की शिक्षा को वंचित नहीं किया जा सकता। यह वह स्कूल बंद किए जा रहे हैं जो आदिवासी क्षेत्रों में है ,जंगलों में है ,छोटे-छोटे टापू पर हैं ,सरकार लोगों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है।

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