नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) ने सवाल खड़ा किया है। एआईएमआईएम ने भागवत के बयान को कटघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि जब मंदिर निर्माण का मसला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो उन्होंने किस अधिकार से अयोध्या में मंदिर बनाने का ऐलान किया।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया ट्विटर पर लिखा है, ‘मोहन भागवत किस अधिकार से कह रहे हैं कि अयोध्या में एक मंदिर बनेगा? यह केस अभी भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। क्या मोहन भागवत मुख्य न्यायधीश हैं? कौन हैं वो?’
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह मोहन भागवत ने कुछ दिनों पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया था। भागवत ने कहा था कि यह कोई लोकलुभावन घोषणा नहीं है बल्कि हमारी आस्था का सवाल है। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
कर्नाटक के उडुपी शहर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के धर्म संसद के उद्घाटन भाषण में 24 नवंबर को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, ‘राम जन्मभूमि पर राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं बनेगा, उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवाई में बनेगा जो इसका झंडा उठा कर पिछले 20-25 वर्षों से चल रहे हैं।’