मुंबई: भाजपा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मनमुटाव जगजाहिर है। गुरुवार को ममता ने इसपर मुहर लगाते हुए एक बार फिर से बीजेपी के महाराष्ट्र में समर्थक शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे।
कहा जा रहा है कि ये एक शिष्टाचार मुलाकात है लेकिन ये बताने की जरूरत नहीं कि जब दो राजनीतिक प्रमुख मिलते हैं तो शिष्टाचार के साथ राजनीतिक समीकरण भी बनते बिगड़ते हैं। वैसे भी शिवसेना और बीजेपी में जुबानी जंग यहां तक है कि कई बार समर्थन वापस लेने तक की नौबत आ चुकी है।
ममता बनर्जी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मीटिंग को शिवसेना ने एक औपचारिक मीटिंग बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कट्टर आलोचक मानी जाने वाली ममता बनर्जी केंद्र की कई नीतियों पर विरोध दर्ज करा चुकी हैं और विरोध स्वरूप पटना में लालू यादव के द्वारा आयोजित मोदी भगाओ देश बचाओ रैली सहित उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मिलती रहीं हैं।
वहीं बीजेपी के रामकदम ने शिवसेना की आलोचना करते हुए कहा था कि शिवसेना की दोनों तरफ से ढोल बजाने की पुरानी आदत रही है, इन्हें सत्ता में रहना भी और विपक्ष में भी।