Published On : Thu, May 18th, 2017

कांग्रेस के बाग़ी दल की मान्यता पर नहीं हुआ कोई फ़ैसला

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  • विभागीय आयुक्त ने अनुपस्थित सदस्य का साक्ष्य लेने का दिया आदेश
  • रमेश पुणेकर ने हस्ताक्षर के बेजा इस्तेमाल का लगाया आरोप, तानाजी ने आरोप को करार दिया हास्यास्पद
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Representational Pic


नागपुर:
कांग्रेस पार्टी के बाग़ी नगरसेवकों द्वारा पार्टी से अलग बनाएं गए दल पर अब तक कोई फ़ैसला नहीं हो पाया है। बुधवार को विभागीय आयुक्त अनूप कुमार ने मनपा आयुक्त को पत्र लिखकर कांग्रेस के बाग़ी दल की साक्ष्य प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया। गौरतलब हो की तानाजी वनवे के नेतृत्व में दल बनाए जाने का दावा करते हुए उनके दल को पार्टी आधिकारिक दल बनाए जाने की अपील विभागीय आयुक्त से की गयी थी। इस अपील पर संज्ञान लेते हुए विभागीय आयुक्त के आदेश के बाद मंगलवार को मनपा में नए दल को समर्थन देने वाले 17 नगरसेवकों का साक्ष्य लिया गया। लेकिन इस प्रक्रिया से बाग़ी दल को समर्थन देने वाले नगरसेवक रमेश पुणेकर नदारद रहे। बाग़ी दल के दावे की पुष्टि करने के लिए विभागीय आयुक्त ने रमेश पुणेकर का भी साक्ष्य लेने का आदेश जारी किया है।

बाग़ी दल के समर्थन पत्र पर रमेश पुणेकर के भी हस्ताक्षर थे लेकिन वो साक्ष्य देने के समय नदारद रहे। इस सारे प्रकरण पर मनपा में कांग्रेस के नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष संजय महाकालकर ने चार नगरसेवकों के फ़र्जी दस्तावेज़ होने का दावा किया था लेकिन चार में से पुणेकर को छोड़ कर सभी साक्ष्य देने के लिए उपस्थित हुए। इस प्रकरण के बाद से अचानक अदृश्य हुए पुणेकर बुधवार को कांग्रेस के मनोनीत सदस्य के उम्मीदवार विकास ठाकरे द्वारा आयुक्त को नामांकन सादर किये जाने के वक्त उनके साथ दिखाई दिए।

मै पार्टी के साथ हस्ताक्षर का किया गया बेजा इस्तेमाल – रमेश पुणेकर
वही इस पुरे प्रकरण के केंद्रबिंदु बन चुके रमेश पुणेकर ने नागपुर टुडे से बातचीत करते हुए बताया की पार्टी के बाग़ी लोग उनके हस्ताक्षर का ग़लत इस्तेमाल कर रहे है पुणेकर ने दावा किया की उनका जो हस्ताक्षर विभागीय आयुक्त कार्यालय को सौपा गया है वह दो महीने पहले का है। पुणेकर के मुताबिक जिस समय नेता प्रतिपक्ष बनाने की प्रक्रिया चल रही थी उस समय पार्टी के कुछ लोग उनके दफ़्तर में आये उस समय उन्हें बताया गया था की देवड़िया कांग्रेस भवन से नगरसेवकों से उनके पसंद के दल नेता के लिए राय ली जा रही है। उस समय उन्होंने प्रफुल्ल गुड़धे पाटिल के समर्थन में हस्ताक्षर किया था। पर अब वह पार्टी के फ़ैसले के साथ है संजय महाकालकर सदन में उनके नेता है वह पार्टी के साथ खड़े है। बाग़ी नगरसेवकों की राय और नेता के तौर पर तानाजी को वो नहीं स्वीकारते।

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पुणेकर हमारे साथ थे लेकिन किसी के दबाव से पलटे – तानाजी वनवे
रमेश पुणेकरद्वारा उनके हस्ताक्षर के बेजा इस्तेमाल के दावे को बाग़ी दल के नेता ने हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने भी नागपुर टुडे से बात करते हुए कहाँ की संभव है की उन्होंने दो महीने पहले प्रफुल्ल गुड़धे के समर्थन में हस्ताक्षर किया हो पर विभागीय आयुक्त को हमने जो पत्र सौपा है उसमें मेरे नाम का ज़िक्र है और उस पर ही उन्होंने हस्ताक्षर किया है। वो अब अपने रुख से पलट गए है इसके पीछे उनकी मंशा किया है यह वह नहीं स्पष्ट कर सकते। शायद उन पर किसी का दबाव है लेकिन हमने ईमानदारी के साथ पत्र सौपा है। उन्हें साक्ष्य देने के लिए बाकायदा आमंत्रित किया गया था।

बागियों का काम पार्टी विरोधी,होगी उचित कार्यवाही – संजय महाकालकर
पार्टी के भीतर मचे आतंरिक अंतर्कलह पर मनपा सदन में कांग्रेस के नेता संजय महाकालकर ने बागियों के काम को पार्टी विरोधी करार दिया है। महाकालकर के अनुसार पार्टी के ही नगरसेवक पार्टी की छवि ख़राब कर रहे है। वह कांग्रेस दल के आधिकारिक नेता है। खुद सभी नगरसेवकों के समर्थन से पार्टी द्वारा नेता के चुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में उनका चुनाव हुआ था। पार्टी में हो रहे सभी घटनाक्रम की जानकारी हाईकमान को दी जाएगी और अगर जरुरत पड़ी तो उचित कार्यवाही भी की जाएगी।

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