नागपुर: आरटीई ( राइट तू एजुकेशन ) के तहत ड्रॉ में नाम निकलने के बाद भी एक अभिभावक अपनी बेटी के दाखिले के लिए दर दर भटक रहा है। हिलटॉप राम नगर में रहने वाले सागर रामटेके ने अपनी बेटी आराध्या के दाखिले के लिए आरटीई के तहत ऑनलाइन आवेदन किया था। शहर की स्कूलों में आरटीआई दाखिले के लिए 7 अप्रैल को निकाले गए ड्रॉ में आराध्या का सिविल लाइन स्थित भवन्स स्कूल में नंबर लगा। ड्रॉ खुलने के अगले ही दिन इलेक्ट्रिक का काम करने वाले आराध्या के पिता सागर रामटेके ने स्कूल में बच्ची के दस्तावेज़ जमा कराए। 10 अप्रैल को दस्तावेज़ की जाँच हुई इसी दिन स्कूल द्वारा आवेदनकर्ता के पते की जाँच की गयी। इस प्रक्रिया के बाद 12 तारीख को स्कूल ने रिजेक्टेड आवेदनों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में आराध्या का भी नाम था। एडमिशन रिजेक्ट करने के पीछे स्कूल ने आरटीई के नियम का हवाला देते हुए तर्क दिया की स्कूल और घर के दूरी 3 किलोमीटर से ज्यादा है इसीलिए आवेदन को रिजेक्ट किया गया है। ज्ञात रहे आरटीई नियम के मुताबिक एडमिशन के लिए स्कूल और घर के बीच की दुरी तीन किलोमीटर के भीतर होनी आवश्यक है।
आराध्या के पिता सागर ने स्कूल के इस तर्क को ख़ारिज किया है। सागर के मुताबिक उन्होंने आरटीई के आवेदन में सही जानकारी दी थी। एडमिशन फॉर्म रिजेक्ट होने के बाद सागर ने शिक्षा विभाग के उपसंचालक को एक पत्र लिखकर उन्हें न्याय देने की माँग की। सागर के आवेदन पर उपसंचालक कार्यालय ने 20 अप्रैल को स्कूल को पत्र भेजकर एडमिशन रद्द करने पर जवाब माँगा। इस पत्र का जवाब देते हुए स्कूल ने वही कारण बताया जो बच्ची के पिता को बताया गया था। जवाब के साथ स्कूल प्रशासन ने स्कूल से घर की दुरी मापने के लिए नक़्शे को प्रमाण के तौर पर भेजा।
सागर का कहना है की स्कूल ने दुरी नापने के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल किया है वह गलत है और आरटीई नियम के ख़िलाफ़ भी। जो प्रमाण स्कूल ने भेजा है उसमे दुरी मापने का आधार सड़क मार्ग को बनाया गया है जबकि नियम के मुताबिक स्कूल से आवेदक बच्चे की घर की दूरी एरिअल मैप से मापी जानी चाहिए।
स्कूल द्वारा भेजे गए जवाब पर सागर रामटेके के संतुष्ट न होने की वजह से शिक्षा उपसंचालक का दफ्तर फिर एक पत्र लिखकर स्कूल से जवाब माँगने की तैयारी में है। शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद राऊत ने नागपुर टुडे से की गई बातचीत में बताया की स्कूल से आवेदक की घर की दुरी मापने का आधार एरिअल मैप ही है। सागर रामटेके की शिकायत के बाद हम स्कूल से उनकी शिकायत दूर करने के लिए पत्र लिखने वाले है।
वही इस मसले पर हमने स्कूल की प्रिंसिपल से उनका रुख जानने के लिए फ़ोन पर संपर्क किया लेकिन वह व्यस्त थी इसलिए उनका पक्ष सामने नहीं आ पाया। लेकिन स्कूल द्वारा शिक्षा विभाग को जो दस्तावेज़ प्रमाण के तौर पर दिया गया है उसमें साफ दिखाई पड़ता है की स्कूल से घर की दूरी मापने के लिए सड़क मार्ग को ही आधार बनाया गया है।