नागपुर: नागपुर महोत्सव में नागपुर महानगर पालिका ने कई रंगारंग कार्यक्रमों की झड़ी लगा दी, लेकिन ग्रैफिटी पेंटिंग अर्थात भित्ती चित्र बनाने के लिए शहर के चित्रकारों को न एकत्रित कर पायी और न ही किसी भी चित्रकार का भरोसा ही जीत पायी। लिहाजा, ग्रैफिटी पेंटिंग स्पर्धा बुरी तरह असफल साबित हुई। ग्रैफिटी पेंटिंग के लिए शहर के विविध क्षेत्रों में नौ दीवारों को विशेष रूप से तैयार किया गया था, लेकिन जरूरत भर के प्रतिभागी नहीं मिलने से इन सभी दीवारों के अधिकतर हिस्से कोरे ही रह गए। हालाँकि मनपा ने नागपुर महोत्सव के समापन अवसर पर ग्रैफिटी पेंटिंग स्पर्धा के पुरस्कारों का वितरण भी कर दिया, पर, दीवारों के ज्यादातर कोरे हिस्से आयोजन की असफलता की पोल खोल रहे थे, इससे पहले के उंगलियाँ उठती, मनपा ने उन खाली दीवारों पर पेंटिंग कराने का ठेका दे दिया। सबसे पहले अंबाझरी मार्ग की दीवार पर पेशेवर पेंटर इनदिनों उन दीवारों को रंग से भरते देखे जा सकते हैं, जो ग्रैफिटी पेंटिंग स्पर्धा के समय खाली रह गयी थीं।
स्पर्धा में भाग लेने वालों को ठेंगा, अब 350 रु. प्रति वर्ग पर ठेका
ग्रैफिटी पेंटिंग स्पर्धा के दौरान भाग लेने वाले कलाकारों को सामान्य मानधन भी देना मनपा ने उचित नहीं समझ, लेकिन अब जब कि अंबाझरी ओवर फ्लो पॉइंट की उद्घाटन तिथि नजदीक आ रही है, इसलिए मनपा किराये के कलाकारों से कोरी रह गयी दीवारों पर चित्र बना रही है। बताया जाता है कि इन किराये के पेंटरों को ३५० रूपए प्रति वर्गफुट की दर पर दीवार रंगने का ठेका दिया गया है। जबकि, स्पर्धा के ज्यादातर कलाकारों के हिस्से में तो वाह-वाह! भी नहीं आयी थी।
पेशेवर पेंटर बाकायदा अपनी लागत पर पेंट ब्रश के साथ जनरेटर पर काम करनेवाले पेंटिंग मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि दीवारों को रंगने का काम निर्धारित समय पर पूरा हो सके। जाहिर है, मनपा के इस हरकत से वे कलाकार ठगा सा महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने शहर के प्रमुख स्थलों पर एक साथ चित्रकारी कर अपनी कला का अप्रतिम परिचय दिया था।