Published On : Thu, Dec 4th, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

आखिर नागपुर अधिवेशन में क्यों आसमान छूने लगते हैं होटल और उड़ानें ? उजागर हुई वजह…

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नागपुर: शीतकालीन अधिवेशन नज़दीक आते ही होटल कमरों की कीमतें पचास से सत्तर हजार रुपए तक पहुंच गई हैं और मुंबई से नागपुर आने वाली उड़ानों का किराया सामान्य पाँच से छह हजार से बढ़कर पच्चीस हजार तक जा रहा है। ठहरने और यात्रा—दोनों के दाम एक साथ बढ़ने से साफ है कि मामला सिर्फ़ भीड़ या शादी के मौसम तक सीमित नहीं है। वजहें कहीं गहरी हैं।

पिछले कुछ सालों में वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों की प्राथमिकता बदल गई है। सरकारी गेस्ट हाउस उपलब्ध होने के बावजूद वे अब अधिकतर प्रीमियम होटलों में रुकना पसंद करते हैं। उनके स्टाफ और नज़दीकी सहयोगी भी इन्हीं होटलों में कमरे लेते हैं। इससे शहर में उपलब्ध कमरों की संख्या तेज़ी से घट जाती है और बाज़ार में अचानक कमी का माहौल बन जाता है। इस कमी का फायदा उठाकर होटल बिना झिझक अपने दाम कई गुना बढ़ा देते हैं।

Gold Rate
04 dec 2025
Gold 24 KT ₹ 1,28,300 /-
Gold 22 KT ₹ 1,19,300 /-
Silver/Kg ₹ 1,79,500/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

सूत्र बताते हैं कि कई बार कमरे मंत्रियों या अधिकारियों के नाम पर नहीं बल्कि उनके जानकारों या सहयोगियों के नाम पर बुक किए जाते हैं, जिससे ओक्यूपेंसी का गलत माहौल बनता है। बाहर से देखने पर होटल पूरी तरह भरे हुए लगते हैं, जबकि कुछ कमरे खाली भी रहते हैं। इस कृत्रिम कमी के चलते होटल दिनभर में कई बार दरें बदलते हैं और उपरी सीमा तय न होने की वजह से जैसा चाहे उतना बढ़ा देते हैं।

इस स्थिति को और जटिल बना देते हैं ट्रैवल एजेंट। वे सामान्य दरों पर पहले से बड़ी संख्या में कमरे ब्लॉक कर लेते हैं और फिर अधिवेशन के दौरान उन्हें कई गुना कीमत पर बेचते हैं। नतीजा यह होता है कि सिर्फ़ फाइव स्टार ही नहीं बल्कि मिड-रेंज होटलों के दाम भी आसमान छूने लगते हैं और आम यात्रियों के लिए शहर बेहद महंगा बन जाता है।

होटल ही नहीं, उड़ानों में भी यही पैटर्न दिखता है। मुंबई–नागपुर किराया, जो आमतौर पर पाँच से छह हजार के बीच होता है, अब अचानक चार से पाँच गुना तक बढ़ गया है। देर रात या सुबह-सुबह की उड़ानें बारह हजार रुपए तक पहुँच चुकी हैं, जबकि अच्छे समय की उड़ानें पंद्रह से पच्चीस हजार के बीच मिल रही हैं। हर साल अधिवेशन के दौरान उड़ानों और होटलों दोनों में एक साथ उछाल आने से यह सवाल और गहरा हो जाता है कि इन दरों पर कोई नियंत्रण क्यों नहीं है।

अधिवेशन के लिए हजारों मेहमान, अधिकारी, प्रतिनिधि और टीमें नागपुर पहुंचती हैं, जिससे शहर पर भारी दबाव पड़ता है। जब तक बुकिंग के तरीकों, कमरे ब्लॉक करने की प्रथाओं और अचानक बढ़ा दिए जाने वाले दामों की गंभीर जांच नहीं होती, तब तक शीतकालीन अधिवेशन आम मुसाफिरों के लिए महंगे बिलों और सीमित विकल्पों का मौसम बना रहेगा।

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