
गोंदिया। धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले सिख धर्म के नौवें गुरु, “हिंद की चादर” श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी वर्ष पर रविवार, 17 नवंबर को गोंदिया का माहौल गुरुमय हो गया।
नेहरू चौक के समीप आयोजित इस विशेष श्रद्धा-समारोह का संयुक्त आयोजन रेलटोली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी, गुरु तेग बहादुर गुरुद्वारा कमेटी जयस्तंभ चौक तथा पंजाबी एजुकेशन सोसाइटी व सकल समाज द्वारा किया गया।
समागम में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बीच वाहेगुरु नाम सिमरन और सलोक महला-9 के वर्णन के द्वारा सांसारिक जीवन में ईश्वर चिंतन के महत्व को भावपूर्ण ढंग से समझाया गया।
पूरा शहर गुरु-भक्ति और कृतज्ञता में डूबा नज़र आया।
धर्म परिवर्तन, आज भी सबसे बड़ा खतरा !
मुख्य वक्ताओं ने गुरु साहिब की अदम्य वीरता, बलिदान और उनके जीवन संघर्ष पर विस्तृत प्रकाश डाला , उन्होंने कहा- गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म परिवर्तन के अत्याचार का डटकर विरोध किया। मुगल बादशाह औरंगज़ेब के जबरन इस्लाम स्वीकार कराने के प्रयास, क्रूर यातनाएँ और दबाव भी उन्हें झुका न सके।
आखिरकार 24 नवंबर 1675 को उनका सिर कलम कर दिया गया, किंतु उनकी दृढ़ता और अदम्य साहस ने भारत के सनातन धर्म और मानवीय मूल्यों की रक्षा की।
वक्ताओं ने इसे आज की परिस्थितियों में भी अत्यंत प्रासंगिक बताते हुए कहा – धर्म परिवर्तन , आज भी एक बड़ा खतरा है। गुरु तेग बहादुर जी का सर्वोच्च बलिदान हमें धर्म की रक्षा, सत्य और राष्ट्रसेवा के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा।”
इस अवसर पर सिख समुदाय के बच्चों ने आकर्षक नाट्य प्रस्तुति की और मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
गुरु की शहादत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प
मानव अधिकारों के प्रथम नायक गुरु तेग बहादुर जी के विचार और धर्म रक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के व्यापक अभियान के तहत महाराष्ट्र सरकार की ओर से तीन बड़े समागम आयोजित किया जा रहे हैं ऐसे जानकारी- सुखविंदर सिंग (मुंबई, महाराष्ट्र सरकार सिख समुदाय समिति सदस्य) ने बताया कि गुरु साहिब के शहीदी वर्ष में आगामी 07 दिसंबर को नागपुर (विदर्भ) , 21 दिसंबर को नवी मुंबई (कोंकण) तथा 24 जनवरी 2026 को तख्त श्री हजूर साहिब में समागम कार्यक्रम होने वाले हैं। उन्होंने कहा- “हमारी एक ही भावना है-गुरु साहिब का संदेश, त्याग, और धर्म रक्षा का इतिहास प्रत्येक पीढ़ी तक पहुंचे। यह हमारी सेवा, कर्तव्य और समर्पण है।
धर्म और मानवीय मूल्यों के महान संरक्षक थे
कार्यक्रम में मंचासीन मुख्य वक्ताओं में शामिल रहे- जसपाल सिंह (चेयरमैन, महाराष्ट्र सरकार सिख समुदाय कमेटी), विजय अनंत नीलदावर, विजयजीत सिंह वालिया, दलजीत सिंह खालसा, गजेंद्र सिंह, सांसद प्रफुल्ल पटेल आदि ने अपने विचार व्यक्त करते श्री गुरु तेग बहादुर जी साहिब को धर्म और मानवीय मूल्यों का महान संरक्षक करार दिया।
कार्यक्रम स्थल पर पूर्व पालक मंत्री व विधायक डॉ. परिणय फुके तथा विधायक विनोद अग्रवाल भी पहुंचे दोनों जनप्रतिनिधियों ने गुरु तेग बहादुर जी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
आयोजन को सफल बनाने में अग्रणी रहे
महाराष्ट्र सरकार सिख समुदाय कमेटी के चेयरमैन जसपाल सिंह , गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा अध्यक्ष- त्रिलोचन सिंह भाटिया, सचिव- हरजीत सिंह जुनेजा पंजाबी शिक्षण समिति अध्यक्ष- जसजीत सिंह (बिट्टू) भाटिया, उपाध्यक्ष मनजीत सिंह भाटिया, सचिव इकबाल सिंह होरा, कोषाध्यक्ष इंद्रपाल सिंह रेणू गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब अध्यक्ष- प्रीत सिंह गुलाटी, उपाध्यक्ष- प्रितपाल सिंह मान, सचिव- हरदीप सिंह गुलाटी, कोषाध्यक्ष- विक्की सिंह गुलाटी, सह सचिव- रवि शंकर राठौड़ , सकल समाज के देवेश मिश्रा इन सभी ने तन-मन-धन से मेहनत कर कार्यक्रम को ऐतिहासिक और यादगार बनाया।
रवि आर्य














