14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच ने पूरे देश में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आखिर सरकार की घोषित ऑपरेशन सिन्दूर अभी भी जारी है या उसे चुपचाप रोक दिया गया है? क्या पाकिस्तान से रिश्ते सामान्य हो गए हैं? अगर नहीं, तो फिर क्रिकेट के मैदान पर क्यों उतर रहे हैं हम?
क्या हम पहलगाम नरसंहार भूल गए?
पहलगाम यात्रियों पर हुआ नरसंहार, भारत की स्मृति में आज भी ताजा है। यही नहीं, उरी, पठानकोट, पुलवामा और 26/11 मुंबई हमले – हर घटना के बाद देशवासियों को भरोसा दिलाया गया कि पाकिस्तान से कोई भी नाता सामान्य नहीं रहेगा।
लेकिन आज जब सरकार कह रही है कि ऑपरेशन सिन्दूर अब भी जारी है, तब पाकिस्तान से क्रिकेट मैच का फैसला विरोधाभासी नहीं लगता?
तब विपक्ष में थे, अब सत्ता में क्यों बदले सुर?
- 2008 मुंबई हमले के बाद भारत ने तुरंत पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया था।
- 2013 में जब थोड़े समय के लिए सीरीज़ कराई गई, तब बीजेपी ने ही इसे “शहीदों का अपमान” कहा था।
- 2016 उरी हमले के बाद भारत ने साफ कहा – पाकिस्तान से कोई क्रिकेट नहीं।
- 2019 पुलवामा हमले के बाद तो वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान से मैच खेलने का विरोध हुआ।
लेकिन आज, वही पार्टी सत्ता में होते हुए पाकिस्तान से मैच की इजाज़त क्यों दे रही है?
क्या दबाव है BCCI और ICC का?
हर कोई जानता है कि भारत-पाकिस्तान मैच दुनिया का सबसे मुनाफ़ेदार खेल आयोजन है। टीवी राइट्स, विज्ञापन और प्रायोजकों के अरबों रुपये दांव पर लगे होते हैं।
क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा और शहीदों की कुर्बानी से बड़ा है?
राष्ट्रवाद का दोहरा चेहरा
आज आम नागरिक पूछ रहा है:
- अगर मैं भारत-पाकिस्तान मैच देखूं तो क्या मुझे देशद्रोही कहा जाएगा?
- अगर कोई रेस्टोरेंट या क्लब यह मैच लाइव दिखाए, तो क्या उन पर हमला होगा जैसा पहले राष्ट्रवाद के नाम पर हुआ?
- और सबसे अहम – क्या राष्ट्रवाद सत्ता के हिसाब से बदलता है?
टाइमलाइन: जब भारत ने पाकिस्तान से क्रिकेट रोका
2002 – संसद हमला
- 2001 संसद हमले के बाद भारत ने क्रिकेट संबंध तोड़ दिए।
2008 – मुंबई 26/11
- पाकिस्तान दौरा रद्द, खिलाड़ियों को IPL से बाहर कर दिया गया।
2013 – अल्पकालिक सीरीज़
- भारी विरोध, बीजेपी ने कहा “शहीदों का अपमान”।
2016 – उरी हमला
- फिर से सभी द्विपक्षीय संबंध ठंडे पड़े।
2019 – पुलवामा हमला
- पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच तक बहिष्कार की मांग उठी।
2025 – 14 सितंबर भारत-पाक मैच
- ऑपरेशन सिन्दूर अब भी “जारी” है, लेकिन खेल शुरू। सवाल: क्या राष्ट्रवाद अब सिर्फ़ चुनावी नारा था?
क्या राष्ट्रवाद अब सत्ता के हिसाब से चालू-बंद होने वाला स्विच बन चुका है?”