Published On : Thu, Aug 7th, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

हिंगणा सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में ₹800 करोड़ की प्रॉपर्टी टैक्स चोरी का भंडाफोड़

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नागपुर: आयकर विभाग की इंटेलिजेंस और क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन (I&CI) विंग ने हिंगणा सब-रजिस्ट्रार कार्यालय (SRO) में दो दिवसीय सर्वे के दौरान एक बड़े प्रॉपर्टी टैक्स घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया कि पिछले पांच वर्षों में ₹800 करोड़ से अधिक के रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी सौदों को आयकर विभाग के SFT पोर्टल पर जानबूझकर रिपोर्ट नहीं किया गया, जिससे भारी मात्रा में टैक्स चोरी हुई।

iSarita पोर्टल से डेटा छुपाने का नया तरीका

महाराष्ट्र सरकार का iSarita पोर्टल सभी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को रिकॉर्ड करता है। नियमानुसार, ₹30 लाख से अधिक के सभी सौदों की जानकारी फॉर्म 61A (Part D) के माध्यम से हर वर्ष 31 मई तक आयकर विभाग को भेजना अनिवार्य है।

हालांकि, हिंगणा SRO के अधिकारियों ने इस प्रक्रिया में हेरफेर करते हुए iSarita पोर्टल से मैन्युअली चुनिंदा सौदे ही भेजे, और कई सौदों को जानबूझकर छुपाया गया।

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ऑटोमेटेड सिस्टम को बायपास कर टैक्स बचाया गया

iSarita का अपग्रेडेड सिस्टम एक क्लिक पर ₹30 लाख से अधिक के सभी सौदों की सूची बना सकता है। लेकिन हिंगणा के अधिकारियों ने इस ऑटोमेटेड सुविधा का उपयोग न करते हुए मैन्युअली डेटा चयन किया और कई बड़े सौदों को आयकर विभाग के SFT पोर्टल पर अपलोड ही नहीं किया, जिससे वे विभाग की निगरानी से बाहर रहे।

इस रणनीति से कई खरीदार और विक्रेता टैक्स जांच से बचते रहे। जांच में यह भी पाया गया कि कई प्रॉपर्टी सौदे सिर्फ रेडी रेकनर दरों पर रजिस्टर्ड किए गए, जिससे सौदे की वास्तविक कीमत छुपाई गई।

जानबूझकर की गई डेटा छुपाने की साजिश

सूत्रों के अनुसार यह कोई तकनीकी चूक नहीं बल्कि पूर्व नियोजित साजिश है, जिसमें संभवतः थर्ड पार्टी डेटा एंट्री ऑपरेटर्स की भी मिलीभगत हो सकती है। अब इन सभी ऑपरेटर्स, रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों, साथ ही उन खरीदारों और विक्रेताओं की जांच की जा रही है जिनके सौदे SFT पोर्टल पर दर्शाए ही नहीं गए।

विदर्भ के सभी सब-रजिस्ट्रार दफ्तरों की जांच शुरू

नई दिल्ली स्थित प्रधान महानिदेशक, आयकर (I&CI) ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नागपुर जिले के सभी 21 सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों सहित विदर्भ क्षेत्र के सभी कार्यालयों की जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों को शक है कि ऐसा ही घोटाला अन्य जगहों पर भी हो सकता है।

यह मामला अब एक नेशनल लेवल टेम्पलेट बन सकता है, जिससे पूरे देश में ऐसे मामलों की गहराई से जांच की उम्मीद जताई जा रही है।

 

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