नागपुर: सोचिए! सुबह 9 से 11 बजे और शाम 5 से 8 बजे के बीच जब नागपुर की सड़कों पर भारी ट्रैफिक होता है, उस वक्त भी दोपहिया वाहन 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहे हैं। कारें भी 60 किमी प्रति घंटे की स्पीड से सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं।
यह चौंकाने वाला खुलासा नागपुर अर्बन स्ट्रीट असेसमेंट सर्वे में हुआ है, जो नागपुर महानगर पालिका (NMC) और ITDP इंडिया (Institute for Transportation and Development Policy) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
सर्वे में शहर की 12 प्रमुख सड़कों को शामिल किया गया, जैसे वर्धा रोड, अमरावती रोड, मानकापुर चौक, अजनी, धरमपेठ, इतवारी और सीताबर्डी। रिपोर्ट बताती है कि अधिकतर सड़कों पर न तो उचित फुटपाथ हैं और न ही लोग गति सीमा का पालन कर रहे हैं।
खासतौर पर अमरावती रोड पर दोपहिया वाहनों की अधिकतम गति 75 किमी/घंटा दर्ज की गई, जबकि ऑरेंज सिटी रोड पर यह 70 किमी/घंटा रही। वर्धा रोड और सेंट्रल बाजार रोड पर कारें 63-62 किमी/घंटा तक पहुंच रही हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में सुरक्षित गति सीमा 30-40 किमी/घंटा मानी जाती है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस तरह की तेज रफ्तार से सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर चोटें और मौतें होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है – खासकर पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों, बच्चों और बुजुर्गों जैसे कमजोर सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए।
सर्वे में शामिल 50 प्रतिशत नागरिकों ने तेज गति वाले वाहनों को सड़क पार करने में सबसे बड़ी बाधा बताया। इसके अलावा खराब सिग्नल टाइमिंग, पैदल यात्री शरणस्थलों की कमी, और डेडिकेटेड क्रॉसवॉक न होना जैसी समस्याएं भी सामने आईं, जो खासकर बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि रफ्तार पर नियंत्रण शहर में सड़क सुरक्षा के लिए सबसे अहम कदम है। अब नागपुर में सख्त गति नियंत्रण और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।