गोंदिया। अरबों के फर्जी जीएसटी बिलिंग रैकेट का नागपुर में भंडाफोड़ हुआ है इसमें 5 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। पकड़े गए आरोपियों ने जिस-जिस को बोगस जीएसटी बिल दिए हैं उनके यहां जीएसटी विभाग और वित्तीय एजेंसी के साथ क्राइम ब्रांच की टीम पहुंच रही है।
इसमें गोंदिया जिला लेबर फेडरेशन से संलग्न 12 से अधिक मजदूर सोसाइटी भी हैं जिनके यहां नागपुर से आए अफसरों ने 26 मई सोमवार को दस्तक दी और मंगलवार को भी यह दस्तावेजों की जांच का सिलसिला जारी रहा।
इस तरह फर्जी बिल के जरिए जीएसटी घोटाले के तार गोंदिया तक जुड़े हैं ।
क्या है पूरा मामला ?
शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर दिल्ली में स्मॉल इंडस्ट्री के नाम पर पंजीयन करा कर जीएसटी नंबर हासिल किया गया और नागपुर के अलग-अलग बैंकों में खाता खोल बिना किसी वस्तु की आपूर्ति किए बिल खरीदने वालों को अधिकृत व्यवहार दिखाने के लिए 7 से 9% कमीशन लेकर बिल दिए जाते थे जबकि उन्हें माल की डिलीवरी होती ही नहीं थी।
इस प्रक्रिया में तथाकथित तौर पर माल खरीदने वाली गोंदिया की लेबर सोसाइटी ( मजदूर संस्था ) , फर्म , ठेकेदार जिनके पास भी थोड़ा बहुत एडजस्टमेंट वाला काम था उन्होंने क्या किया सिर्फ बिल लेकर आ गए और अब वह बिल बोगस निकल गए हैं इस तरह अकेले मार्च 2025 में करोड़ों के फर्जी जीएसटी बिल बनाकर उससे पकड़े गए आरोपियों और संबंधित एक दर्जन लेबर सोसाइटी के संचालकों ने आर्थिक लाभ उठाया और जीएसटी विभाग को करोड़ों का चूना लगाया है जिसकी इंक्वारी शुरू हो गई है।
बैंक खाते में भेजी रकम निकालकर , बिल खरीदार को करते थे नकद भुगतान
आधार और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर आरोपियों ने फर्जी कंपनी खोल दी और बिना किसी वस्तु की आपूर्ति के गोंदिया जिला मजदूर संघ से जुड़े एक दर्जन से अधिक लेबर सोसाइटी के संचालक को डमी फर्म के नाम पर है जीएसटी के फर्जी फर्जी बिल बनाकर बेचे गए ।
इस प्रक्रिया में तथाकथित तौर पर माल खरीदने वाली मजदूर संस्था , फर्म , ठेकेदार द्वारा बैंक खाते में भेजी राशि निकाल कर बोगस बिल खरीददार को अपना 7 से 9% कमीशन काटकर नगद अदा करते थे।
इसी सिलसिले में नागपुर के अफसरों का दल गोंदिया पहुंचा और जहां शुरू की गई है। बता दें कि गोंदिया जिला लेबर फेडरेशन से 100 से अधिक मजदूर सोसाइटी जुड़ी हुई है।शासन के नियमानुसार किसी भी ठेकेदार को काम का जीएसटी बिल देना अनिवार्य है , 31 मार्च 2025 तक बड़ी संख्या में गवर्नमेंट से बिल निकलते हैं। हमने काम किया है ? यह दिखाने के लिए ठेकेदारों को जीएसटी बिल लगता है तो यह लोग नागपुर से फर्जी बिल बनाकर लेकर आए और बिल लगाकर लेबर सोसाइटी से पेमेंट भी निकाल लिया गया है।
जीएसटी अफसरों की इस कार्रवाई से लेबर सोसायटी और अन्य ठेकेदार कारोबारीयों में भूचाल आ गया है।
रवि आर्य