नागपुर। मानकापुर स्टेडियम को आधुनिक रूप देने की योजना के तहत सैकड़ों पेड़ों की कटाई प्रस्तावित है। इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति पटेल ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में शहर के विभिन्न हिस्सों में विकास कार्यों के नाम पर मनपा द्वारा की जा रही पेड़ कटाई पर भी आपत्ति जताई गई है।
बुधवार को हुई सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पिछले 10 वर्षों में काटे गए पेड़ों की संख्या और उसके बदले लगाए गए पेड़ों का पूरा लेखाजोखा पेश करने के आदेश मनपा को दिए हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि जिसे पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी, उसने पर्यावरण नियमों के तहत कितने पेड़ लगाए और उनकी देखरेख कितने वर्षों तक की गई, इसका ऑडिट रिपोर्ट के साथ विवरण दिया जाए।
अधिवक्ता चक्रवर्ती याचिकाकर्ता की ओर से तथा अधिवक्ता जैमीनी कासट मनपा की ओर से उपस्थित रहे।
पेड़ लगाओ, केवल दिखावे के लिए नहीं: कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि विकास कार्यों के लिए पेड़ काटना यदि नियमों के अनुसार है, तो वह स्वीकार्य है, लेकिन पर्यावरण की अनदेखी नहीं की जा सकती। केवल पेड़ लगाना ही नहीं, बल्कि उन्हें कम से कम 7 वर्षों तक जीवित रखना और देखभाल करना अनिवार्य है।
इसलिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वह विस्तृत वृक्षारोपण योजना के साथ हलफनामा दायर करें और लगाए गए पौधों की जीओ-टैगिंग की जानकारी भी दें। अदालत ने कहा, “विकास जरूरी है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं।”
365 पेड़ों की कटाई की मंजूरी, 58 हेरिटेज पेड़ भी शामिल
याचिका में उल्लेख किया गया है कि क्रीड़ा विभाग के उपसंचालक द्वारा मानकापुर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 4-स्टार होटल, कन्वेंशन सेंटर, रिटेल आउटलेट्स, क्लब और कैफेटेरिया निर्माण की अनुमति दी गई है। इसके लिए कुल 365 पेड़ों की कटाई प्रस्तावित है, जिनमें 58 हेरिटेज पेड़ भी शामिल हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यदि इस तरह विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी रही, तो इससे जैवविविधता और पर्यावरण संतुलन को गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा।