नागपुर। वन क्षेत्रों में ट्रेनों की आवाजाही से वन्यजीवों की हो रही मौतों पर चिंता जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता उदयन पाटिल ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। बुधवार को हुई सुनवाई के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, रेल मंत्रालय के सचिव, राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन एवं पर्यावरण), प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन्यजीव वार्डन, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड और राज्य वन्यजीव बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता वाई.एन. सांबरे, राज्य सरकार की ओर से मुख्य सरकारी वकील देवेन चौहान और केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता एन.एस. देशपांडे ने पैरवी की।
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सुझाए गए उपाय: ट्रेनों पर बजें हूटर
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को अवगत कराया कि सुप्रीम कोर्ट ने शक्ति प्रसाद नायक बनाम भारत संघ (रिट याचिका सिविल क्रमांक 107/2013) में 10 दिसंबर 2013 को आदेश पारित करते हुए रेलवे को निर्देश दिए थे कि देशभर में घने जंगलों से गुजरने वाली ट्रेनों की गति कम करने के उपाय किए जाएं।
यह भी सुझाव दिया गया कि जंगलों से गुजरते समय ट्रेनों पर हूटर बजाना अनिवार्य किया जाए, ताकि जानवरों को पहले से चेतावनी मिल सके और उन्हें समय रहते पटरियों से हटाया जा सके। इससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित नहीं होगी और वन्यजीवों की जान भी बचाई जा सकेगी।
दोनों पक्षों की दलीलों के बाद हाई कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई अवकाश के बाद निर्धारित की।