नागपुर. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं (लोकल बॉडी) के चुनावों के संबंध में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया. कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य निवडणूक आयोग को 4 सप्ताह के भीतर स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, जिला परिषद, पंचायत समिति, और ग्राम पंचायत) के चुनावों की अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी करने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन चुनावों की पूरी प्रक्रिया 4 महीने के भीतर यानी सितंबर 2025 तक पूरी कर ली जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. OBC आरक्षण को लागू करने के लिए आवश्यक “ट्रिपल टेस्ट” (समर्पित आयोग द्वारा डेटा संग्रह, आरक्षण का अनुपात निर्धारित करना, और कुल आरक्षण 50% से अधिक न होना) का पालन सुनिश्चित करने के लिए पहले भी निर्देश दिए गए थे.
हर पांच साल में चुनाव अनिवार्य
कोर्ट ने कहा कि भले ही ओबीसी आरक्षण का मामला लंबित हो, चुनावों में और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कोर्ट ने अपने पिछले आदेशों का हवाला दिया, जिसमें SEC को 2,486 स्थानीय निकायों के लिए चुनाव जल्द से जल्द कराने का निर्देश दिया गया था. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और SEC की देरी पर नाराजगी जताई और इसे संवैधानिक जिम्मेदारी से पीछे हटना बताया. कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 243-E और 243-U का उल्लेख किया, जिसमें स्थानीय निकायों के चुनाव हर पांच साल में अनिवार्य हैं. कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया बिना किसी बहाने (जैसे डिलिमिटेशन या OBC डेटा संग्रह) के पूरी होनी चाहिए.
इस तरह का है मामला
-महाराष्ट्र में 2,486 स्थानीय निकायों (जिनमें बृहन्मुंबई नगर निगम जैसे बड़े निकाय शामिल हैं) के चुनाव 2022 से लंबित हैं, क्योंकि उनकी पांच साल की अवधि समाप्त हो चुकी है.
-OBC आरक्षण को लागू करने के लिए आवश्यक समकालीन डेटा जुटाने में देरी के कारण ये चुनाव रुके हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में 27% OBC आरक्षण को रद्द कर दिया था, क्योंकि यह “ट्रिपल टेस्ट” को पूरा नहीं करता था.
-जुलाई 2022 में, जयंत बंठिया आयोग की सिफारिशों के आधार पर OBC आरक्षण को मंजूरी दी गई, लेकिन 367 निकायों में पहले से शुरू हो चुकी चुनाव प्रक्रिया में इसे लागू नहीं किया गया.
-25 दिसंबर 2024 को, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला जनवरी 2025 में आने की उम्मीद है, जिसके बाद मार्च-अप्रैल 2025 में चुनाव हो सकते हैं.
-हालांकि, 28 जनवरी 2025 को कोर्ट ने अगली सुनवाई 25 फरवरी 2025 तक टाल दी थी, जिससे चुनाव और देर होने की आशंका थी. मंगलवार को जारी आदेश ने इस देरी को खत्म करने के लिए कड़ा रुख अपनाया.