Published On : Tue, Oct 3rd, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

नांदेड़ सरकारी अस्पताल में 7 और मरीजों की मौत, नवजात शिशुओं समेत 31 ने गंवाई जान; जनता हैरान, सरकार परेशान

नांदेड़/नागपुर: नांदेड़ के शंकराराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर दवाइयों के भीषण अकाल और जरूरी सुविधाओं के अभाव में पिछले 24 घंटों में अस्पताल में मरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 31 हो गई थी, जिनमें 16 बच्चे एवं नवजात शिशु भी शामिल हैं। इनमें 4 बच्चों समेत 7 मरीजों ने मंगलवार देर रात अपनी जान गंवाई है।

सूत्र बताते हैं कि दवाओं की खरीद बंद करने के कारण राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी हो रही है समय पर दवाओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण अत्यावश्यक मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ रही है।

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हर दिन होती है 10-12 मौत
सूत्रों का दावा है कि अस्पताल में हर दिन औसतन 10 से 12 मरीजों की मौत होती है, नांदेड़ में 5 जिलों नांदेड़, परभणी, हिंगोली, लातूर, यवतमाल के मरीजों को भर्ती किया जाता है

अस्पताल अधीक्षक ने बदले सुर
इस मामले में सरकारी अस्पताल के अधीक्षक वाकोडे के सुर बदले नजर आ रहे हैं। पहले उन्होंने कहा था कि डॉक्टर शंकरराव शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय और रुग्णालय में 70 से 80 किलोमीटर परिसर के सभी गंभीर स्थिति के पेशेंट हमारे पास भर्ती किए जाते हैं। उन्होंने कहा था कि तबादले होने की वजह से भी सेवाओं में दिक्कतें आई हैं। हॉफकिन नामक संस्था से दवाइयों की खरीददारी होने वाली थी लेकिन वह हुई नहीं, जिस कारण थोड़ी परेशानी हुई है। स्वीकृत बजट के हिसाब से मरीजों की संख्या बढ़ जाने के कारण बजट में भी थोड़ी कमी आई। उन्होंने कहा कि बजट के हिसाब गंभीर मरीजों के लिए दवाइयां यहां उपलब्ध है। लेकिन अगले दिन यानी मंगलवार को उन्होंने अपने बयान से यू टर्न लेते हुए लापरवाही की वजह से मौत होने की बात से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मृतकों में शामिल लोग डायबिटीज, लिवर एवं किडनी समेत बहुत सी बीमारियों से ग्रसित थे। इनमें से कुछ को आर्सेनिक और फास्फरस पॉइजनिंग भी हुई थी जबकि कुछ अन्य सांप के काटने का इलाज करा रहे थे। उन्होंने दवाइयों की कमी की बात से भी इनकार किया है। उन्होंने दावा किया कि मरीजों को पर्याप्त इलाज मिल रहा था लेकिन वे प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे।

अशोक चव्हाण बोले, नहीं है दवाई, सुविधाएं
इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी घटना का पता चलते ही अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि 24 मरीजों की मौत के बाद अब तक 31 की मृत्यु हो चुकी है या इस घटना को सरकार ने गंभीरता से लेना चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए। अस्पताल में दवाई उपलब्ध नहीं है और भी कई मरीज गंभीर हालत में हैं। हम सरकार से सुविधा पूरी करने की मांग करते हैं।

मंत्री हसन मुश्री ने कहा, जांच होगी
महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने मंगलवार को सरकारी असप्ताल का दौरा किया जहां उन्होंने बताया कि अस्पताल में साफ-सफाई का अभाव है, वेंटिलेटर, एक्स-रे मशीन बंद हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच कराई जाएगी।

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