नागपुर. शिक्षा का अधिकार (आरटीई) एक्ट के अंतर्गत सभी स्कूलों में पालक शिक्षक एसोसिएशन (पीटीए) का गठन अनिवार्य किया गया है. साथ ही कमेटी को अनेक तरह के अधिकार भी दिये गये हैं. आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो शाहिद शरीफ कहा की कई स्कूलों में इस तरह की कमेटी केवल कागजों पर बनाई जाती है.
इसमें पालकों की हिस्सेदारी भी कम ही होती है. इस संबंध में आरटीई एक्शन कमेटी की कमेटी की बैठक में पालकों ने एकजुट होकर स्कूलों में पीटीए का गठन कराने और इसे अमल में लाने का निर्णय लिया. राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना 21/3/2014 के अनुसार निजी व अनुदानित स्कूलों में पीटीए की स्थापना अनिवार्य की गई है. इसके तहत शहरी पालकों को 50 रुपये और ग्रामीण पालकों को 20 रुपये भरकर पीटीए की सदस्यता ग्रहण करना है.
इसके बाद सभी सदस्यों का चयन होगा. पीटीए में एक अध्यापक अध्यक्ष, एक पालक उपाध्यक्ष, सचिव सीनियर टीचर, दो सह-सचिव पालक सदस्य, एक पालक तथा एक क्लास टीचर सभी वर्ग का एक प्रतिनिधि और 50 फीसदी महिलाओं का होना अनिवार्य।
शालाओं के विकास में पालकों का सहभाग पीटीए के माध्यम से को-कर्रिकुलम एक्टीविटी, सिलेबस, विकास योजना और सिलेबस का निरीक्षण सहित अनेक कार्य किये जाते हैं. साथ ही हर तीन माह में बैठक लेना अनिवार्य और उसकी जानकारी नोटिस के द्वारा सदस्यों को देना पड़ता है. 15 प्रश फ़ीस बढ़ाने के पूर्व सभा में स्कूल की बैलेंसशीट, मुफ़्त शिक्षा के अधिकार अंतर्गत प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों की सूची तथा नॉनटीचिंग स्टाफ और टीचिंग स्टाफ की सूची रिसिप्ट पेमेंट रजिस्टर आदि का समावेश है और प्रत्येक दस्तावेजों में पालक समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर होना अनिवार्य किया गया है. इसके बाद ही स्कूलों में फीस बढ़ाई जा सकती है. इसी तरह ट्रांसपोर्ट कमेटी का भी गठन किया जाएगा और उसमें लीड (प्रति किलोमीटर ) के अनुसार छात्रों से लिए जाने वाला किराया तथा परिवार अधिनियम का पालन करने का समावेश रहेगा।*