आवेदन के पते से विपरीत दस्तावेजों से दिया प्रवेश
आरटिइ के बच्चों से ली जा रही फ़ीस
मुफ़्त शिक्षा के अधिकार अंतर्गत ऑनलाइन प्रक्रिया यानी की आवेदन करने के पूर्व शाला से घर की दूरी को नापने के लिए आवेदन में बलून सेट करना पड़ता है और इसी के आधार के घर से शाला की दूरी निर्धारित कि जाती है
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के आवेदन का संचालन NIC करता है तो पालक जब अपने आवेदन 22NG 000899 को प्रस्तुत करते वक़्त (लूंगीटिउड )और (लेडीटूड ) सेट करता है उसे स्थान पर प्रशासनिक गूगल पत्ते पर मध्य प्रदेश का गूगल पता अंकित होकर आवेदन में कैसे आ रहा है । नागपुर ग्रामीण पंचायत समिति में सर्वाधिक प्रवेश और अनियमित गूगल मैप पर दिए गए । इसी प्रकार युआरसीटू द्वारा 22NG006898 के पर्याप्त दस्तावेज़ नहीं दिए पर भी भगवान श्री कृष्णा शाला में प्रवेश दे दिया गया आवेदन में दिया गया पता और समिति के सामने दिए गए दस्तावेज़ अलग है ।शासन निर्णय अनुसार राशन कार्ड का उपयोग रहवासी दाख़िले के लिए नहीं किया जाना चाहिए लेकिन प्रशासन ने प्रवेश की नियमावली मे शामिल किया है जो के नियम का उल्लंघन है ।
एक आदेश जारी किया गया जिसमें यह उल्लेख है कि जो भी स्कूले नई खुलेंगी उसमें तीन साल के बाद आर टि ई के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। मो शाहिद शरीफ़ चेयरमैन आरटिइ एक्शन कमेटी उन्होंने बताया कि आर टि ई अधिनियम का सरेआम उल्लंघन हो रहा है नियम को ताक में रखते फिस कि वसूली ।