– वित्त समिति सदस्या ने जाँच की मांग की,सभापति भर्ती पाटिल ने दिया जाँच के आदेश
नागपुर – ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें कोरोना की ‘लहर’ का फायदा उठाते हुए कई स्थानीय निकायों द्वारा अंधाधुंध तरीके से लाखों रुपये की हेराफेरी की गई है. इसमें अब जिला परिषद का स्वास्थ्य विभाग शामिल है। एक्सपायरी दवाएं मंगवाई गईं और थोक में वितरित की गईं। वित्त समिति सदस्य राधा अग्रवाल द्वारा इसमें बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाने के बाद जिप वित्त अध्यक्ष भारती पाटिल ने जांच के आदेश दिए।
जिप वित्त समिति की बैठक भारती पाटिल की अध्यक्षता में हुई. राधा अग्रवाल ने जानकारी दी कि 15वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर कोरोना किट खरीदी. हालांकि,अल्पावधि खरीदी गई दवाओं को कम समय में वितरित किया गया.
उल्लेखनीय है कि पिछले माह खरीदी गई कुछ दवाएं कुछ पीएचसी को 4-5 जून को प्राप्त हुई थीं. इसमें कई पीएचसी छूट गए।
इसके अलावा, ग्राम पंचायत सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों और जिला परिषद सदस्यों को दवाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मिलने के बाद सब सकते में आ गए। ये सभी खरीदारी करीब 25 लाख रुपये की है। जिसमें सेनिटाइजर, सोडियम फ्लोरॉक्साइड, ट्रिपल लेयर मास्क, हैंड ग्लॉस जैसी दवाएं अल्प समयावधि की क्यों खरीदनी पड़ीं ?
इसके अलावा, वितरण में गोपनीयता क्यों रखी गई ?
जब उक्त ज्वलंत मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया तो जिप वित्त सभापति भारती पाटिल ने जांच के आदेश दिए।
उधर वित्त समिति की सदस्या राधा अग्रवाल ने कहा की जैसे-जैसे कार्यकाल समाप्त हो रहा है, पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया है। पंद्रहवें वित्त आयोग से खरीदी गई दवाओं में भारी गड़बड़ी थी। इसकी जांच होनी चाहिए।