नागपुर – गत सप्ताह कोराडी पावर प्लांट में कोयला परिवहन मामले में हुई धोखाधड़ी के मामले की जांच पड़ताल के लिए चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है।इस समिति मे महानिर्मिती के निदेशक (कोयला खनन) पुरुषोउत्तम जाधव को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
बता दें कि गत 28 सितंबर को कोराडी पावर प्लांट मे उच्च गुणवत्ता युक्त कोयला की खेप को कही और सप्लाई कर दिए जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।इस मामले की जांच पड़ताल के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।अधिकारियों की माने तो वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड की नंदोरी-गोंडेगांव ओपन कास्ट कोयला खदान से कोराडी पावर प्लांट के लिए कोयला से भरे कोयला से भरे मेसर्स:-चंदा एण्ड कोली कंपनी के टिप्पर को निजी प्रतिष्ठान की तरफ जाते देखा गया था।जबकि घटिया गुणवत्ता वाले कोयला से लदे टिप्पर को कोराडी पावर प्लांट की परिवहन करते पाया गया था।
उन्होंने बताया कि दोनो टिप्परों मे एक ही नंबर की प्लेटें लगी हूई थी और उनके जीपीएस उपकरण मे हेराफेरी की गई थी।अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इसमे बडा घोटाला हो सकता है क्योंकि प्रति दिन 100 से अधिक ट्रक-टिप्परों मे लदे कोयले को कोराडी पावर प्लांट तक पंहुचाया जाता था।
गोपनीय सूत्रों के मुताबिक इस प्रकरण में ऊर्जा मंत्रालय के कथित दलाल का मुख्य हाथ होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।क्योंकि थर्मल पावर प्लांटों मे कार्यरत कंपनी व ठेकेदारों से निधि वसूली के लिए ये दलाल द्वारा दबाव डाला जाता रहा है।इतना ही नहीं इस कोयला परिवहन मे करोडों की हेराफेरी मामले मे खापरखेडा पावर प्लांट के कोलमिल रिजेक्ट कोयला ठेकेदार का भी हाथ होने की संभावना है।