Published On : Sun, Apr 4th, 2021

लकवा मरीजों का शर्तियां इलाज का केन्द्र है बुटाटी धाम

नागौर। बुटाटी धाम मंदिर राजस्‍थान के नागौर जिले की देगाना तहसील में स्थित है। यहां से निकटतम रेलवे स्‍टेशन मेढ़ता रोड़ है जो करीब 45 किमी दूर है। जयपुर एवं जोधपुर रूट पर यह स्‍टेशन आता है। स्‍टेशन से मंदिर आने के लिए जीप मिलती है। अधिकांश लोग स्‍वयं की फोर-व्‍हीलर से भी आते हैं। ठहरने के लिए मंदिर परिसर से आधा किमी दूर गेस्‍ट हाउस है। अजमेर-कोटा रोड पर भी गेस्‍ट हाउस बना है लेकिन अधिकांश लोग मंदिर परिसर में ही ठहरते हैं।

सात दिन का नियम, क्‍या और क्‍यों
यहां मरीजों को अधिक से अधिक 7 दिन और 7 रात ही रुकने की अनुमति है। इससे अधिक समय होने पर उन्‍हें यहां से जाने के लिए बोल दिया जाता है। इसकी क्‍या वजह है। पूछे जाने पर मंदिर प्रबंध समिति अध्‍यक्ष शिवसिंह बताते हैं, नए लोगों को आने के लिए जगह मिलना चाहिये। कोई भी मरीज नया आता है तो सबसे पहले उसका रजिस्‍ट्रेशन किया जाता है। उसके अनुसार उसे सामग्री भी उपलब्‍ध कराई जाती है। इसमें दर्ज तारीख के अनुसार सातवें दिन उसे स्‍थान खाली करना होता है। यदि वह नहीं करता तो उसे यहां से जाने का आग्रह किया जाता है।

Gold Rate
13 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,09,800 /-
Gold 22 KT ₹ 1,02,100 /-
Silver/Kg ₹ 1,29,000/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above


अमेरिका, आस्‍ट्रेलिया, अफगानिस्‍तान से आए मरीज
बुटाटी धाम मंदिर का संचालन यहां ट्रस्‍ट और मंदिर समित‍ि करती है। समिति के अध्‍यक्ष शिवसिंह का कहना है कि हम प्रचार में विश्‍वास नहीं रखते इसलिए आज तक मंदिर के बारे में हमने किसी ने कुछ नहीं कहा। सारे लोग केवल आस्‍था के चलते यहां आते हैं। पिछले दस वर्षों में यहां आने वाले मरीजों की संख्‍या बढ़ी है। इंटरनेट पर मंदिर का खूब नाम है इसलिए देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग आते हैं। नवरात्र में अमेरिका, आस्‍ट्रेलिया और अफगानिस्‍तान से भी मरीज यहां आए थे।

यह है धार्मिक कहानी
मंदिर के संबंध में कहानी प्रचलित है। लगभग 600 साल पहले यहां चतुरदास जी नाम के संत थे। कहा जाता है कि उनके पास 500 से अधिक बीघा जमीन थी जो उन्‍होंने दान कर दी और आरोग्‍य की तपस्‍या करने चले गए। बताया जाता है कि सिद्धि प्राप्‍त करके वे आए यहां जीवित समाधि ले ली। उस स्‍थल पर ही आज मंदिर है।यह जानकारी वरिष्ठ समाज सेवी पत्रकार टेकचंद्र सनोडिया(शास्त्री) ने विज्ञप्ति में दी है.

Advertisement
Advertisement