– 121 करोड़ के वार्षिक घाटे ( VIABILITY GAP FUNDING ) को कम करने हेतु परिवहन समिति ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सलाह पर मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी के निर्देश पर लिया बड़ा फैसला
नागपुर – 121 करोड़ के संभावित वार्षिक घाटे के मद्देनजर उससे उबरने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मनपा द्वारा संचालित आपली बस सेवा महामेट्रो को सौंपने का का सलाह मनपा आयुक्त राधाकृष्ण बी को दिया,उन्होंने परिवहन समिति सभापति को प्रस्ताव तैयार कर उसे परिवहन समिति की मंजूरी देने का निर्देश दिया। इसके बाद परिवहन समिति सभापति के आदेश पर विभाग ने आनन-फानन में प्रस्ताव तैयार कर आज 25 फरवरी 2021 को आयोजित परिवहन समिति की बैठक में एकमत से मंजूरी प्रदान की। इस निर्णय से सार्वजानिक परिवहन के नाम पर होने वाली खर्च बचेगा और इससे मनपा द्वारा किये जाने वाले विकासकार्यो को गति के साथ निधि भी उपलब्ध हो पाएगी।
ज्ञात हो 2010 में केेंद्र सरकार ने JNNURM के तहत 237 STANDARD DIESEL BUS मिला। वर्ष 2018-19 में राज्य सरकार द्वारा महिला स्पेशल 6 तेजश्विनी बस मिली। शहर बस सेवा संचलन करने वाली 3 ऑपरेटरों ने 150 मिडी बस और 45 मिनी बस खरीदी। कुल 438 बस उपलब्ध हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने FAME 2 योजना अंतर्गत 40 ELECTRIC BUS के लिए M/S EVYE TRANS LTD के साथ करार किया।
बस डिपो के लिए पटवर्धन मैदान की 0.75 हेक्टर जगह,हिंगणा रोड पर 1.25 हेक्टर,खापरी नाका डिपो 3.54 हेक्टर,वाड़ी नाका डिपो 1.13 हेक्टर,कोराडी मंदिर के पीछे ( नासुप्र की जगह 25.8 लाख रुपये वार्षिक किराए पर 1.782 हेक्टर,लकडगंज स्मॉल फैक्ट्री क्षेत्र में 6 इलेक्ट्रिक बस के लिए डिपो,मोर भवन में महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन से 55943 रुपये वार्षिक किराया पर बस टर्मिनल के लिए जगह ली गई हैं।
बसों का संचालन मेसर्स आरके सिटी बस सर्विसेज, मेसर्स ट्रैवल टाइम बस सर्विसेज और मेसर्स हंसा बस सर्विसेज को वर्ष 2017 में 10 वर्षों के लिए दिया गया। कंडक्टर आपूर्ति का ठेका मेसर्स यूनिटी सिक्योरिटी फ़ोर्स एन्ड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की नियुक्ति की गई। परिवहन सेवा सुचारू रूप से संचलन के लिए मेसर्स दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल सिस्टम अर्थात डिम्ट्स की नियुक्ति की गई।इसके साथ ही मनपा परिवहन विभाग ने रॉमेट समूह से एक करार किया था कि पुरानी हो चुकी स्टैंडर्ड बसों पर ईंधन खर्च बचत के लिए ,उन्हें CNG में तब्दील कर चलाया जाए.इस क्रम में 50 से 60 बसों का CNG में तब्दील किया गया ,जो सुचारु रूप से सड़कों पर दौड़ रही.इन्हें CNG भी रॉमेट समूह द्वारा उपलब्ध करवाया जा रहा,जिसका भुगतान परिवहन विभाग द्वारा किया जा रहा.
बस सेवा से वर्ष 2019-20 में मनपा को 64.46 करोड़ आय और 164.83 करोड़ खर्च हुआ।
केंद्र सरकार द्वारा FAME 2 अन्तर्गत प्राप्त होने वाली 40 इलेक्ट्रॉनिक बसों का प्रस्तावित खर्च 20 करोड़ हैं। इस तरह खर्चो के हिसाब से मनपा पर 121 करोड़ का नुकसान संभावित हैं। इसलिए VIABILITY GAP FUNDING अत्याधिक होने से मनपा के विकासकार्यो पर असर पड़ रहा। क्योंकि अब शहर के मुख्य मार्गों पर मेट्रो रेल दौड़ना शुरू हो गई। इन्हीं मार्गो पर बस सुविधा भी शुरू हैं। एक ही मार्ग पर 2 व्यवस्था होने से दोनों परिवहन सेवा को नुकसान हो रहा।
उक्त मामले को लेकर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समीक्षा बैठकों में शहर में एक ही परिवहन संचलन व्यवस्था हो,इसलिए मनपा प्रशासन ने शहर बस सेवा,संपत्ति,बकाया मेट्रो रेल प्रशासन के हवाले करने का निर्णय लिया।
इस संदर्भ में गडकरी के निर्देश पर मनपा आयुक्त राधाकृष्ण बी ने परिवहन समिति सभापति को प्रस्ताव तैयार कर उसे परिवहन समिति की मंजूरी देने का निर्देश दिया। इसके बाद परिवहन समिति सभापति के आदेश पर विभाग ने आनन-फानन में प्रस्ताव तैयार कर आज 25 फरवरी 2021 को आयोजित परिवहन समिति की बैठक में एकमत से मंजूरी प्रदान की।
उक्त प्रस्ताव पर परिवहन समिति की मुहर लगने के बाद जानकारी मिली कि इसके साथ ही परिवहन समिति सभापति बाल्या बोरकर अपने पद से न चाहते हुए भी इस्तीफा दे दिए,याने आज के अंतिम विषय के अनुसार कुल 6 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया,जिसमें प्रमुखता से विवादास्पद सभापति बाल्या बोरकर का समावेश हैं,इनकी जगह नए सदस्यों का पक्ष निहाय नियुक्ति की जाएगी,सत्तापक्ष इस दफे ऐसे सदस्यों को समिति में स्थान देंगी,जो उन्हें गडकरी के प्रयासों को सफल अंजाम दे सके।
समिति की मंजूरी बाद इसे आमसभा में भेजा जाएगा। जहां भी मंजूरी सहज मिलने के बाद राज्य और केंद्र सरकार को आगे की कार्रवाई हेतु मंजूरी मिले, इसलिए भेजा जाएगा।इसके बाद HAND OVER – TAKE OVER कार्यक्रम होंगा। सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने तक मनपा परिवहन समिति/विभाग मार्फत आपली बस सेवा शुरू रहेगी।
उल्लेखनीय यह हैं कि आज की परिवहन समिति की बैठक में मेट्रो स्टेशन से फीडर बस सेवा के लिए मेट्रो की मांग पर 18 मिनी बस देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई,इसके एवज में मेट्रो प्रशासन प्रति बस/दिन 3500 रूपए भुगतान करेगा।इन बसों से अबतक रोजाना 2500 रूपए की आय और उसपर रोजाना 9000 रूपए खर्च हो रहा था.मेट्रो ने विमानतल से मेट्रो स्टेशन के लिए एक इलेक्ट्रिक बस भी मनपा से लिया,जिसके एवज में वे प्रतिदिन 4500 रूपए मनपा को भुगतान करेंगे,इस विषय को भी मंजूरी प्रदान की गई.अबतक मनपा द्वारा 5 इलेक्ट्रिक बस महिलाओं के लिए विभिन्न मार्गो पर दौड़ा रही थी,इन सभी 5 बसों से मनपा को रोजाना कुल 5175 रूपए प्राप्त हो रहे थे और खर्च 8640 रूपए प्रति इलेक्ट्रिक बस हो रहा था.