Published On : Sat, Oct 10th, 2020

महाराष्ट्र के सभी निजी स्कूलों का हो सरकारी ऑडिट -अग्रवाल

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विदर्भ पेरेंट्स असोसिएशन के अध्यक्ष श्री  अग्रवाल ने मांग की है की महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सभी निजी  स्कूलों का सरकारी ऑडिट करना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाये।श्री अग्रवाल ने कहा की पिछले ८ माह से राज्य के सभी स्कूल कोरोना महामारी से बंद है और सभी पालक आर्थिक संकट से गुजर रहे है उसके बावजूद भी मानवता को ताक पर रखते हुवे पालको  को मनमानी तरीके से लुटा जा रहा है। कुछ घंटो की ऑनलाइन पढाई  शुरू कर पूरी फीस वसूली की जा रही है जो सरासर गलत है।
       

श्री अग्रवाल ने कहा की सभी स्कूले सालो  से  करोडो रुपये कमा रही है और इनके रिजर्व फण्ड में भी करोडो रुपये जमा है राज्य की सभी स्कूले धर्मादाय आयुक्त में पंजीकृत है इन्हे ट्रस्ट या सोसाइटी में पंजीकृत इस लिए किया जाता है की वे समाज सेवा और सुलभ शिक्षा उपलब्ध कर सके सरकार द्वारा इन्हे विभिन्न प्रकार की छूट भी होती है।

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आयकर में १ करोड़ रुपये तक सालाना स्कूल फीस से अर्जित  करने वाले स्कूलों को धारा  १० उपधारा  (२३ सी ) के तहत टैक्स में पूरी छूट मिली है इससे ज्यादा जो फीस अर्जित करते है वे भी धारा  १२ (AA ) आयकर विभाग को छूट के लिए आवेदन देते है सरकार  का उद्देश्य समाज को सस्ती और अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने का है इसलिए शिक्षण संस्था को छूट दी जाती है। सरकार चाहे तो उनके खाते  का ऑडिट भी करा सकती है।

सरकार  चाहे तो स्वतंत्र और सरकारी एजेंसी से ऑडिट के बाद फीस तय करे क्योकि सरकारी ऑडिट के बाद स्कूलों की वास्तविक स्थिति सामने आ जाएगी। यदि स्कूलों की हालत ख़राब है तो राज्य सरकार  उनकी मदत करे और जो स्कूल झूठ बोलकर पालको को परेशान कर रही है उनपर कारवाही की जाये
 

 श्री अग्रवाल ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है की राज्य के सभी निजी स्कूलों का सरकारी ऑडिट कराने का  आदेश तुरंन्त पारित करे।

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