Published On : Sat, Feb 1st, 2020

गोंदियाः नक्सलियों ने किसान के सिर में मारी गोली

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पुलिस मुखबिरी के संदेह में कत्लः दर्रेकसा दलम के १० माओवादियों पर मामला दर्ज


गोंदिया: महाराष्ट्र- छत्तीसगढ़ सीमावर्ती इलाके में एक बार फिर नक्सली गतिविधियां तेज हो गई है। राज्य के अंतिम छोर पर बसे गोंदिया जिले के सालेकसा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम दर्रेकसा दलम के १० शस्त्रधारी महिला व पुरूष नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के संदेह में ग्राम नवागांव निवासी लालसिंग यादव नामक ५० वर्षीय किसान के सिर में गोली मारकर उसकी निर्मम हत्या कर दी।

२९ जनवरी के देर रात घटित इस वारदात के बाद नक्सलियों ने लालसिंग यादव का शव ३० जनवरी को गोंदिया-डोंगरगढ़ मार्ग पर शेरपार-नवागांव के बीच रोड पर लाकर कच्चे मार्ग पर रख दिया और लाश के पास पत्रक छोड़ फरार हो गए।

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क्योंकि घटना राजनांदगांव जिले के बाघनदी थाना अंतर्गत आनेवाले जंगल क्षेत्र में घटित हुई, लिहाजा मृतक की फिर्यादी बेटी की शिकायत पर दर्रेकसा दलम के कमांडर और उसके १० साथी नक्सलियों के खिलाफ धारा ३०२, १४७, १४८, १४९, २५, २७ आर्म एक्ट का जुर्म दर्ज किया गया है। मामले की जांच बाघनदी थाना प्रभारी केसरीचंद साहू कर रहे है।

३ राज्यों के ४ जिलों पर है दर्रेकसा दलम की पकड़
गोंदिया जिले के सालेकसा थाना अंतर्गत आनेवाले ग्राम दर्रेकसा के नाम से पहचाने जाने वाला यह दलम मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव तथा महाराष्ट्र के गोंदिया और गढ़चिरोली जिले के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय है।

गत ३ अगस्त २०१९ के सुबह गोंदिया जिले के बिजेपार एओपी चौकी से सटे बोरतलाव इलाके के काली पहाड़ी क्षेत्र के रेस्टजोन में कुछ नक्सलियोंं के छुपे होने की जानकारी मिलने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, बोरतलाव तथा सितागोटा के बीच नक्सलियों की घेराबंदी की गई, जिसपर नक्सलियों ने फायर खोला, बुलेट का जवाब बुलेट से देते हुुए आधुनिक हथियारों से लैस पुलिस जवानों ने ७ नक्सलियों को ढेर कर दिया। बचे हुए नक्सली अपने खाने-पीने का सामान वही छोड़कर जिले की सीमा लांघ कर भागने में कामियाब रहे।

इसी पुलिस ऑपरेशन पर संदेह व्यक्त करते हुए लालसिंग की हत्या की गई, जबकि पोस्ट शेरेपार के ग्राम नवागांव का निवासी लालसिंग यादव इसका मुखबिरी से कोई दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं था, वह अपनी खेती किसानी कर जीवनयापन कर रहा था, अब पिता की मौत के बाद १० वीं तथा ८ वीं कक्षा में पढ़नेवाली उसकी दोनों बेटियों के सिर से पिता का साया उठ चुका है तथा परिवार के सामने भरण-पोषण का संकट भी आन पड़ा है।

हत्या का मक्सद गांव के चुनाव को डिस्टर्ब करना था
पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारीनुसार मृतक लालसिंग यह पेशे से खेती-किसानी करता है और पशुधन पालक है तथा उसको २ बेटियां है। २९ जनवरी के शाम ५ से ७ बजे के बीच मृतक लालसिंग और उसकी बेटी, यह जंगल में जलाऊ लकड़ी लाने हेतु गए थे वापस लौटते वक्त नक्सलियों ने दोनों को घेर लिया तथा दर्रेकसा दलम से जुड़े माओवादियों को यह संदेह था कि, ३ अगस्त २०१९ के सुबह बोरतलाव तथा सितेगोटा के बीच जंगल में हुई पुलिस-नक्सल मुठभेड के दौरान जो ७ नक्सली मारे गए थे, उसकी मुखबिरी लालसिंग ने की थी।

लिहाजा नक्सलियों ने लालसिंग कोे जंगल में रोक दिया तथा उसकी बेटी को गांव के सीमा तक लाकर यह कहते छोड़ दिया गया कि, तेरे पिताजी आ जायेंगे? अगले दिन लालसिंग की लाश कच्चे मुरुम मार्ग पर मिली। शव के पास तथा निक़ट के झाड़ों के टहनियों पर कुछ पत्रक भी मिले है। बाघनदी पुलिस के मुताबिक नक्सलियों का मुख्य उद्देश्य ३१ जनवरी को होनेवाले राजनांदगांव जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव पूर्व ग्रामीणों के बीच दहशत व्याप्त करना था, संभवतः इसी वजह से उन्होंने लालसिंग के सिर में गोली मारी। मामला दर्ज कर लिया गया है, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

लाश के पास पड़े पत्रक, पुलिस ने किए बरामद
सरकार द्वारा प्रतिबंधित माओवादी संगठन से जुड़े दर्रेकसा दलम के नक्सलियों ने लाश के पास स्थित झाड़ की टहनीयोंं में सीएए और एनआरसी के खिलाफ पोस्टर चिपकाए, जिसमें नागरिक संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की गई है तथा अर्थ व्यवस्था की बदहाली और देश में बढ़ती बेरोजगारी के लिए वर्तमान केंद्र सरकार को जिम्मेदार माना है तथा छात्रों पर लाठी-गोली चलाने वाली सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लिखे गए है साथ ही एक अन्य पत्रक में तेंदूपत्ता मजदूरों को एकजुट होने का आव्हान करते हुए अपना हक्क हासिल करने के लिए अपने-अपने यूनिटों में संगठित होकर संघर्ष तेज करने को कहा गया है। पत्रक के नीचे तांडा-दर्रेकसा एरिया कमेटी का जिक्र किया गया है।

रवि आर्य

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